Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jan 2021 · 1 min read

गीत ‘जनतन्त्र’

ये दुनिया खेल-तमाशा है
ये ड्रामा अच्छा-खासा है
गूगल सी कोई भाषा है
ये इसरो भी क्या नासा है
ये दुनिया खेल……

ये गोरख धन्धे वो जाने
जो खुद को भी ना पहचाने
बेकार गढ़े हैं अफ़साने
फिरते सब नाहक दीवाने
क्यों दिल में पाले आशा है
सिर्फ़ चहुँ ओर निराशा है
ये दुनिया खेल……

संत बड़े है झांसा राम जी
जैसे लगते झण्डू बाम जी
आते भक्तों के बड़े काम जी
खूब कमाया उसने नाम जी
व्यापार ये अच्छा खासा है
खाने को खील-बताशा है
ये दुनिया खेल……

दाम मिले कुछ भी ना भइया
डॉलर आगे फ़ैल रुपइया
दिन-रात करे ता ता थइया
याद दिला दी सबको मइया
खेल मदारी का झांसा है
सबको जनतन्त्र ने फांसा है
ये दुनिया खेल……

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 396 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
मां का प्यार पाने प्रभु धरा पर आते है♥️
मां का प्यार पाने प्रभु धरा पर आते है♥️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"तेरे इश्क़ में"
Dr. Kishan tandon kranti
एक दिन यह समय भी बदलेगा
एक दिन यह समय भी बदलेगा
कवि दीपक बवेजा
शुद्धिकरण
शुद्धिकरण
Kanchan Khanna
"न टूटो न रुठो"
Yogendra Chaturwedi
सत्याधार का अवसान
सत्याधार का अवसान
Shyam Sundar Subramanian
मैथिली हाइकु / Maithili Haiku
मैथिली हाइकु / Maithili Haiku
Binit Thakur (विनीत ठाकुर)
माफ कर देना मुझको
माफ कर देना मुझको
gurudeenverma198
😢शर्मनाक😢
😢शर्मनाक😢
*Author प्रणय प्रभात*
ये नयी सभ्यता हमारी है
ये नयी सभ्यता हमारी है
Shweta Soni
*तपती धूप सता रही, माँ बच्चे के साथ (कुंडलिया)*
*तपती धूप सता रही, माँ बच्चे के साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जितना सच्चा प्रेम है,
जितना सच्चा प्रेम है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कुछ रिश्ते भी बंजर ज़मीन की तरह हो जाते है
कुछ रिश्ते भी बंजर ज़मीन की तरह हो जाते है
पूर्वार्थ
खंजर
खंजर
AJAY AMITABH SUMAN
21-रूठ गई है क़िस्मत अपनी
21-रूठ गई है क़िस्मत अपनी
Ajay Kumar Vimal
ये जो लोग दावे करते हैं न
ये जो लोग दावे करते हैं न
ruby kumari
तू जब भी साथ होती है तो मेरा ध्यान लगता है
तू जब भी साथ होती है तो मेरा ध्यान लगता है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
अभिव्यक्ति के प्रकार - भाग 03 Desert Fellow Rakesh Yadav
अभिव्यक्ति के प्रकार - भाग 03 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
जरूरत के हिसाब से सारे मानक बदल गए
जरूरत के हिसाब से सारे मानक बदल गए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अपने जीवन के प्रति आप जैसी धारणा रखते हैं,बदले में आपका जीवन
अपने जीवन के प्रति आप जैसी धारणा रखते हैं,बदले में आपका जीवन
Paras Nath Jha
dr arun kumar shastri -you are mad for a job/ service - not
dr arun kumar shastri -you are mad for a job/ service - not
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बातों - बातों में छिड़ी,
बातों - बातों में छिड़ी,
sushil sarna
बम भोले।
बम भोले।
Anil Mishra Prahari
ड्यूटी और संतुष्टि
ड्यूटी और संतुष्टि
Dr. Pradeep Kumar Sharma
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हमें याद है ९ बजे रात के बाद एस .टी .डी. बूथ का मंजर ! लम्बी
हमें याद है ९ बजे रात के बाद एस .टी .डी. बूथ का मंजर ! लम्बी
DrLakshman Jha Parimal
पितृ दिवस की शुभकामनाएं
पितृ दिवस की शुभकामनाएं
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मोहब्ब्बत के रंग तुम पर बरसा देंगे आज,
मोहब्ब्बत के रंग तुम पर बरसा देंगे आज,
Shubham Pandey (S P)
"आए हैं ऋतुराज"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
यदि समुद्र का पानी खारा न होता।
यदि समुद्र का पानी खारा न होता।
Rj Anand Prajapati
Loading...