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5 Mar 2018 · 1 min read

गीत …..एक बार माँ हंसकर खालो

******एक बार माँ हंसकर खालो ……….

दिल जो चाहे सब मंगवालो
एक बार माँ हंसकर खालो ………

दूर हुई दु:ख वाली दुनिया
अब ना कर्जा मांगे बनिया
बडे हुए सब बेटे तेरे
डलवा डाले सब के फेरे
मत चिंता में खुद को डालो
एक बार माँ ……………………….

झाडू, बर्तन , चौका ना कर
बैठ खाट पै आर्डर तू कर
घर की थानेदारी करले
माँ अपनी बाँहों में भरले
पनीर खाओ या दाल बन वालो
एक बार माँ ……………………………

तू ही घर की पी.एम., सी.एम.
पोती, पोते कहते डी .एम.
रूतवे से कुर्सी पर बैठो
जिससे चाहो उससे ऐंठो
जैसा चाहो सब कर वालो
एक बार माँ ………………………….

हम गलती के पुतले ठहरे
फिर भी माँ हम तेरे ठहरे
तेरी बहुत जरूरत घर को
एक बार माँ देख इधर को
अपनी सारी जिद्द मनवालो
एक बार माँ ………………………..

तू ही अल्लाह, तू ही ईश्वर
चर्च और गुरू द्वारा तू ही
तेरे बिन उपवन ये झूठा
महके अम्मा जब तक तू है
कहानियों की अपनी अम्मां
रोज एक पाठशाला लगवालो
एक बार माँ हंसकर खालो
एक बार माँ हंसकर खालो !!
**********
मूल गीतकार …….
डाँ. नरेश कुमार “सागर”

Language: Hindi
Tag: गीत
677 Views
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