गीतीका
दिल में है जो वही बातें कहें।
आप ही के साथ यूँ गाते रहें
छिड़ गए है सूर प्यारे, मन में
दिल से अपने सभी नाते रहें ।
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ज़िंदगी के दिन ये अनमोल है
फूल से यूँही सभी भाते रहें ।
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दिन तो यूँ ही बहेते जा रहें
दुखी दिल को सहलाते रहें ।
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याद बनकर ही सभीरह जायेंगे
मिलकर ये जगत महकातें रहें।
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बात अपनी ही सही होगी सदा
प्रेम से ही बात समझाते रहे।
-मनीषा ‘जोबन ”