Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2020 · 1 min read

गीता के स्वर (6) संन्यासी और योगी

संन्यासी कौन है ?
कौन है योगी ?
‘कर्मफल’ की चिन्ता से मुक्त
‘कर्तव्य कर्म’ में अग्रसर
संन्यासी है, योगी है,
जो कर्म करता है
अनवरत
‘मोक्ष’ की प्राप्ति तक.
‘आत्मा’ का उद्धार ‘आत्मा’ से
क्यों आवश्यक है ?
क्योंकि-
‘आत्मा’ ही बन्धु है
और वही शत्रु भी
‘आत्मा’ द्वारा ‘आत्मा’ पर विजय
‘बन्धु होने का परिचायक है
और विपरीत स्थिति
‘शत्रु’ होने का.
यह ‘आत्मा’ ही है
जो कारण है
‘बन्धन’ और ‘मोक्ष’ का
‘आत्मा’ पर विजय
माध्यम है
‘सर्वशक्तिमान’ को अपने में
समाहित करने का
और ऐसा ‘योगी’
प्राप्त करता है
‘निर्वाण’ की पराकाष्ठा
‘शान्ति’ को.
‘योगी’ आसक्त नहीं होता
इन्द्रियों के अर्थ में
किसी भी अर्थ में
वह प्रशान्त मन
रजोगुणरहित, निष्पाप
और ब्रह्मरूप होता है
जो भागी बनता है
अन्ततः
उत्तम सुख का.

Language: Hindi
1 Like · 466 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
View all
You may also like:
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
शेखर सिंह
दौड़ी जाती जिंदगी,
दौड़ी जाती जिंदगी,
sushil sarna
ओस की बूंद
ओस की बूंद
RAKESH RAKESH
ऐसा तूफान उत्पन्न हुआ कि लो मैं फँस गई,
ऐसा तूफान उत्पन्न हुआ कि लो मैं फँस गई,
Sukoon
सफर सफर की बात है ।
सफर सफर की बात है ।
Yogendra Chaturwedi
आज का दौर
आज का दौर
Shyam Sundar Subramanian
कभी कभी अच्छा लिखना ही,
कभी कभी अच्छा लिखना ही,
नेताम आर सी
तितली संग बंधा मन का डोर
तितली संग बंधा मन का डोर
goutam shaw
अध्यापक दिवस
अध्यापक दिवस
SATPAL CHAUHAN
2985.*पूर्णिका*
2985.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
होंठ को छू लेता है सबसे पहले कुल्हड़
होंठ को छू लेता है सबसे पहले कुल्हड़
सिद्धार्थ गोरखपुरी
गुरु गोविंद सिंह जी की बात बताऊँ
गुरु गोविंद सिंह जी की बात बताऊँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
■ आज का दोहा
■ आज का दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
कविता
कविता
Shiva Awasthi
मैं गलत नहीं हूँ
मैं गलत नहीं हूँ
Dr. Man Mohan Krishna
दो अक्टूबर
दो अक्टूबर
नूरफातिमा खातून नूरी
💐Prodigy Love-15💐
💐Prodigy Love-15💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तख्तापलट
तख्तापलट
Shekhar Chandra Mitra
जीत जुनून से तय होती है।
जीत जुनून से तय होती है।
Rj Anand Prajapati
पागलपन
पागलपन
भरत कुमार सोलंकी
मानव-जीवन से जुड़ा, कृत कर्मों का चक्र।
मानव-जीवन से जुड़ा, कृत कर्मों का चक्र।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"आशा"
Dr. Kishan tandon kranti
दोस्ती को परखे, अपने प्यार को समजे।
दोस्ती को परखे, अपने प्यार को समजे।
Anil chobisa
🥗फीका 💦 त्योहार 💥 (नाट्य रूपांतरण)
🥗फीका 💦 त्योहार 💥 (नाट्य रूपांतरण)
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
वो इश्क की गली का
वो इश्क की गली का
साहित्य गौरव
मुक्तक
मुक्तक
दुष्यन्त 'बाबा'
गुज़िश्ता साल -नज़्म
गुज़िश्ता साल -नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
जाने क्यूँ उसको सोचकर -
जाने क्यूँ उसको सोचकर -"गुप्तरत्न" भावनाओं के समन्दर में एहसास जो दिल को छु जाएँ
गुप्तरत्न
बाल एवं हास्य कविता: मुर्गा टीवी लाया है।
बाल एवं हास्य कविता: मुर्गा टीवी लाया है।
Rajesh Kumar Arjun
#शर्माजी के शब्द
#शर्माजी के शब्द
pravin sharma
Loading...