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21 Aug 2021 · 1 min read

“गिलहरी”

“गिलहरी”
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छोटी सी होती, ये प्राणी;

नाम है, इसका “गिलहरी”

कुदक-फुदक कर चलती,

पेड़ – पौधों की हर टहनी,

पके फल, पेड़ों की खाती;

सबको यह बहुत सताती;

तब भी, हमें ये खूब भाती;

नन्ही ये,प्यारी सी दिखती;

देख- कर, ये सब सीखती;

होती यह, हमेशा ही तत्पर;

लगाई, राम-सेतु की पत्थर;

दांत, नुकीली होती इसकी;

होते बड़े – बड़े इसके कान;

सुनता है ये सब बड़ा ध्यान,

प्रभु श्रीराम से मिला इसको,

कर्मठता का सुन्दर वरदान।

**********************

..✍️प्रांजल
…कटिहार।

8 Likes · 8 Comments · 516 Views
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