Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2017 · 1 min read

गाना होगा

हों लाख व्यस्ततायें पगले,
पर गान तो निज गाना होगा.
आखिर तो किसी के भी दिल में,
निज प्यार के हित थाना होगा.
***
दिल ढूँढ़े मीत सतत् ख़ुद-सा,
पर नहीं मिला उसको अब तक.
है बहुत अकेला दिल मेरा,
यह बात काश! पहुँचे रब तक.
गर कोई न आये निज दिल तक,
तो स्वयं हमें जाना होगा.
आखिर तो किसी के भी दिल में,
निज प्यार के हित थाना होगा.
***
है छुपी नायिका कहाँ सरस,
पूछे नायक बैठा दिल में.
जो सहज बाँह थामे खुश हो,
निज राह चले ले मंज़िल में.
इक बार जगे इच्छाशक्ति,
ख़ुद शरण उसे आना होगा.
आखिर तो किसी के भी दिल में,
निज प्यार के हित थाना होगा.
***
तुम लाख दूर हो अंतर से,
पर प्रेम तो तुम तक पहुँचेगा.
तुम लाख छुपाओ भाव सरस,
पर गीत को वह ख़ुद वर लेगा.
दिल कैसे पसीजे गोरी का,
यह राज़ हमें पाना होगा.
आखिर तो किसी के भी दिल में,
निज प्यार के हित थाना होगा.
***
संताप सुखों में बदलेंगे,
यह आश सदा ज़िन्दा रखना.
होगा जीवन निज प्रेम-पात्र,
अहसास सदा ज़िन्दा रखना.
बनकरके स्वयं का स्वयं मीत,
दिल में ही हमें छाना होगा.
आखिर तो किसी के भी दिल में,
निज प्यार के हित थाना होगा
***
अंतर में जलाओ प्रेम-दीप,
फैलेगा निश्चित उजियारा.
अंतर को बनाओ सरस सबल,
मत कहो उसे तुम बेचारा.
अंतर में रमे अँधियारे को,
ख़ुद सरस हमें ढाना होगा.
आखिर तो किसी के भी दिल में,
निज प्यार के हित थाना होगा.
*सतीश तिवारी ‘सरस’,नरसिंहपुर (म.प्र.)

Language: Hindi
Tag: गीत
312 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चुनाव
चुनाव
Mukesh Kumar Sonkar
अंबेडकर और भगतसिंह
अंबेडकर और भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
हैप्पी न्यू ईयर 2024
हैप्पी न्यू ईयर 2024
Shivkumar Bilagrami
* मन बसेगा नहीं *
* मन बसेगा नहीं *
surenderpal vaidya
..सुप्रभात
..सुप्रभात
आर.एस. 'प्रीतम'
Never forget
Never forget
Dhriti Mishra
शब्द से शब्द टकराए तो बन जाए कोई बात ,
शब्द से शब्द टकराए तो बन जाए कोई बात ,
ज्योति
If your heart is
If your heart is
Vandana maurya
मां की कलम से!!!
मां की कलम से!!!
Seema gupta,Alwar
एक तो गोरे-गोरे हाथ,
एक तो गोरे-गोरे हाथ,
SURYA PRAKASH SHARMA
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर  स्वत कम ह
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर स्वत कम ह
पूर्वार्थ
(8) मैं और तुम (शून्य- सृष्टि )
(8) मैं और तुम (शून्य- सृष्टि )
Kishore Nigam
सृजन तेरी कवितायें
सृजन तेरी कवितायें
Satish Srijan
शिक्षक हूँ  शिक्षक ही रहूँगा
शिक्षक हूँ शिक्षक ही रहूँगा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
साईं बाबा
साईं बाबा
Sidhartha Mishra
रिश्ते
रिश्ते
Ram Krishan Rastogi
जाने क्यूँ उसको सोचकर -
जाने क्यूँ उसको सोचकर -"गुप्तरत्न" भावनाओं के समन्दर में एहसास जो दिल को छु जाएँ
गुप्तरत्न
बसहा चलल आब संसद भवन
बसहा चलल आब संसद भवन
मनोज कर्ण
"सबसे पहले"
Dr. Kishan tandon kranti
2610.पूर्णिका
2610.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
गुस्सा
गुस्सा
Sûrëkhâ Rãthí
■ उलाहना
■ उलाहना
*Author प्रणय प्रभात*
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*Max Towers in Sector 16B, Noida: A Premier Business Hub 9899920149*
*Max Towers in Sector 16B, Noida: A Premier Business Hub 9899920149*
Juhi Sulemani
आकांक्षा तारे टिमटिमाते ( उल्का )
आकांक्षा तारे टिमटिमाते ( उल्का )
goutam shaw
ढोंगी बाबा
ढोंगी बाबा
Kanchan Khanna
जो मुस्किल में छोड़ जाए वो यार कैसा
जो मुस्किल में छोड़ जाए वो यार कैसा
Kumar lalit
*गोल- गोल*
*गोल- गोल*
Dushyant Kumar
मिलना हम मिलने आएंगे होली में।
मिलना हम मिलने आएंगे होली में।
सत्य कुमार प्रेमी
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
कवि दीपक बवेजा
Loading...