गांधी बैठा सत्याग्रह पर
आज उग रहा गांधी
खेत किसानों के दामन में
अहिंसा का बीज बिखेर रहा है
अहंकार के आंगन में
ना कोई गुस्सा
ना प्रतिशोध
शुद्ध कर रहे सत्याग्रह से
अहंकारी आत्मा का दोष
आओ मारो हम ना हटेंगे
चाहे फैलाओ नफरती सन्देश
तुम भी अपने भाई बंधु
शैतान ने किया तुम्हारे अंदर प्रवेश
हमैं चाहिए अपना हक
तुमसे ना ज्यादा लेना है
मिलकर रहेंगे साथ तुम्हारे
तुम्हारे दिल में बीज प्रेम का
फिर से बोना है ।
हिंसा करो हमारे ऊपर
मुँह से आह ना छोड़ेंगे
निर्दोष करेंगे आत्मा तुम्हारी
तभी अनसन तोड़ेंगे ।
हम गैर नही इस दुनिया में
हम भी तुम्हारे बहिन भाई है
धरती माँ पर बड़े हुए
परमपिता की परछाई है ।
प्रश्न नही है हठता का
अधिकार है हमारे जीवन का
सत्य के पथ पर आगे बढ़ों
मनुष्यता से ना खिलबाड़ करो ।
सेवक सा व्यवहार करो
प्रेम से सबसे गले मिलो
सत्य का दीपक मन जलाओ
छुपे शैतान को बाहर लाओ ।
आ बैठा गांधी आंदोलन में
अहिंसा की जय जयकार है
नफ़रत झूठ भी प्रेम करेगी
यही सत्याग्रह का हथियार है
अराजकता से नही चाहिए
अभिव्यक्ति की हमको आजादी
तानासाही तुम ना अपनाओ
धर्म जाति की ना हिंसा फैलाओ