“”गांधी जी –शास्त्री जी”” — दो महानायक!!
दो अक्टूबर दो महानायक ,भारत भूमि पर आए।
कर्म क्षेत्र दे गए हमें वे, आदर्श उनका हम अपनाए।
शास्त्री-गांधी दोनों ही मित्रो,अवतार पुरुष थे बन आए।
जन्म जयंती आज हे उनकी, वंदन करती जिनका दुनिया सारी।
लगी सादगी जिनको प्यारी,सत्य अहिंसा के वे पुजारी।।
राष्ट्रपिता की पदवी पाई ,दूजे प्रधान बन के छाए।
अंग्रेजों को दूर भगाया , पाक भी थर थर थरार्ये ।
वैष्णव जन तो तेने कहिए, जय जवान जय किसान की जय गाएं।
भारत जन हम, दोनों के ही, कोटि-कोटि है आभारी।
लगी सादगी जिनको प्यारी सत्य अहिंसा के वे पुजारी ।।
सच्चे मन से उनको ध्याए, पथ पर उनके बढ़ते जाएं।
वर्तमान की जो भी समस्या, मिल बैठ के सुलझाएं।
कहे नहीं ,कुछ करके बताएं, संस्कृति स्वयं की अपनाएं ।
गली-गली और घर-घर में हम, आदर्श दोनों के फैलाएं ।
अनुनय के भाव यही है, आप भी ले लो संकल्प सुपारी।
लगी सादगी जिनको प्यारी, सत्य अहिंसा के वे पुजारी ।।
“” राजेश व्यास अनुनय””
०२/१०/२०२० शुक्रवार