Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2018 · 1 min read

गाँव की एक शाम

मंद मंद बहती हवा,
वो बुलबुल का गाना ,

सिर पर टोकरी रख,
माताओं का खेत से घर जाना ,

बहुत याद आता हैं,

वो दूर खेत मे चलते,
ट्रैक्टर की आवाज़,

वो दाने लेकर लौटता
चिंड़ियों का समाज,

वो देखते देखते
डोड़े चुराकर तोते का उड़ जाना,

बहुत याद आता हैं.

शाम के धंधलके मे ,
तपस्वी जैसे दिखते पेड़ .

औस से सनी,
वो खेत की गीली मेड़,

मेड़ पर पाँव का फिसल जाना,

बहुत याद आता हैं.

वो गाँव के मंदिर से आती,
घंटी की धीमी आवाज़ ,

पेड़ों मे छुपकर,
वो झिंगुरों के बोलने का अंदाज.

खेत मे चूहों का,
सर्र …..से डरा कर भाग जाना,

बहुत याद आता हैं.

रखवाली करते,
रात मे बनते वो गरम पकौड़े.

भूत जैसे दिखते,
लहराते वो काक भगौड़े.

देखकर उन्हें छोटु का डर जाना,

बहुत याद आता हैं.

जी. एस. परमार
खानखेड़ी (नीमच) म. प्र.

Language: Hindi
471 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
Rj Anand Prajapati
अहा! जीवन
अहा! जीवन
Punam Pande
■ बस, इतना कहना काफ़ी है।
■ बस, इतना कहना काफ़ी है।
*Author प्रणय प्रभात*
।। कसौटि ।।
।। कसौटि ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
कौआ और कोयल ( दोस्ती )
कौआ और कोयल ( दोस्ती )
VINOD CHAUHAN
*माॅं की चाहत*
*माॅं की चाहत*
Harminder Kaur
*शिवाजी का आह्वान*
*शिवाजी का आह्वान*
कवि अनिल कुमार पँचोली
चलो कहीं दूर जाएँ हम, यहाँ हमें जी नहीं लगता !
चलो कहीं दूर जाएँ हम, यहाँ हमें जी नहीं लगता !
DrLakshman Jha Parimal
क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है
क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है
Sarfaraz Ahmed Aasee
चुपके से चले गये तुम
चुपके से चले गये तुम
Surinder blackpen
मेरा शहर
मेरा शहर
विजय कुमार अग्रवाल
प्रेम ...
प्रेम ...
sushil sarna
लोगों को सफलता मिलने पर खुशी मनाना जितना महत्वपूर्ण लगता है,
लोगों को सफलता मिलने पर खुशी मनाना जितना महत्वपूर्ण लगता है,
Paras Nath Jha
बादल
बादल
Shankar suman
इतनी खुबसूरत नही होती मोहब्बत जितनी शायरो ने बना रखी है,
इतनी खुबसूरत नही होती मोहब्बत जितनी शायरो ने बना रखी है,
पूर्वार्थ
माया और ब़ंम्ह
माया और ब़ंम्ह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
महसूस कर रही हूँ बेरंग ख़ुद को मैं
महसूस कर रही हूँ बेरंग ख़ुद को मैं
Neelam Sharma
संभव भी असम्भव
संभव भी असम्भव
Dr fauzia Naseem shad
चंदा तुम मेरे घर आना
चंदा तुम मेरे घर आना
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
अनेकों पंथ लोगों के, अनेकों धाम हैं सबके।
जगदीश शर्मा सहज
उड़े  हैं  रंग  फागुन के  हुआ रंगीन  है जीवन
उड़े हैं रंग फागुन के हुआ रंगीन है जीवन
Dr Archana Gupta
ग़ज़ल
ग़ज़ल
abhishek rajak
जय जय दुर्गा माता
जय जय दुर्गा माता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
*शिवजी की चली बारात, हम बाराती हैं (भक्ति गीत)*
*शिवजी की चली बारात, हम बाराती हैं (भक्ति गीत)*
Ravi Prakash
"चाँद-तारे"
Dr. Kishan tandon kranti
घुली अजब सी भांग
घुली अजब सी भांग
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Jeevan ka saar
Jeevan ka saar
Tushar Jagawat
हर मोड़ पर ,
हर मोड़ पर ,
Dhriti Mishra
होली
होली
Dr. Kishan Karigar
!! कुछ दिन और !!
!! कुछ दिन और !!
Chunnu Lal Gupta
Loading...