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12 Nov 2017 · 1 min read

ग़मे इश्क में हूँ बीमार…..

ग़मे इश्क में हूँ बीमार……
// दिनेश एल० “जैहिंद”

गमे इश्क़ में हूँ बीमार, चले आइए ।।
रहम खाइए हे सरकार, चले आइए ।।

लरजते आँसू, धड़कते दिल ओ हम,,
सभी रहते अब बेक़रार, चले आइए ।।

हमें इस तरह ना सताइए ये हुज़ूर,
आइए-आइए इक बार, चले आइए ।।

दिन उदासियों में ओ रात अकेले कटे,
दिले आरज़ू है इस बार, चले आइए ।।

मिरे ख्वाबों के राजा, मेरे ओ बालम,
हैं आप ही हमारा प्यार, चले आइए ।।

इल्तिजा है आपसे तमन्ना है आपकी,
जरूरत तो है दो-चार, चले आइए ।।

खबर दे दो इनकार ना करो “जैहिंद”,
है अब आपको खबरदार, चले आइए ।।

==============
दिनेश एल० “जैहिंद”
22. 06. 2017

262 Views
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