Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2017 · 1 min read

ग़ज़ल

“माँ”
न जाने आज गांव से पनघट कहाँ गए..?
सर से उतर कर लाज के घूघट कहाँ गए..?

हर इक लिहाज शर्म को खूंटी पे टाग कर,
सच बात कहने वाले मुह फट कहाँ गए..?

सर पर उठाये फिरते थे जो घर को हर घड़ी,
घर से निकल के आज वो नटखट कहाँ गए..?

सब मिलकर बैठकर साथ खिलखिला करते थे,
वो हसने वाले ना जाने आज कहाँ गए..?

न जाने गांव में जो संयुक्त परिवार हुआ करते थे, वो ना जाने आज कहाँ गए..?

बस एक काम करने में सौ काम ले लिए,
लोगों के काम करने के झंझट कहाँ गए..?

न जाने दिल से दिल वाले जो दोस्त हुआ करते थे, वो आज कहा गए..?

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 277 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तजो आलस तजो निद्रा, रखो मन भावमय चेतन।
तजो आलस तजो निद्रा, रखो मन भावमय चेतन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
किताब
किताब
Lalit Singh thakur
रमेशराज के विरोधरस के दोहे
रमेशराज के विरोधरस के दोहे
कवि रमेशराज
Please Help Me...
Please Help Me...
Srishty Bansal
राम : लघुकथा
राम : लघुकथा
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
वैराग्य का भी अपना हीं मजा है,
वैराग्य का भी अपना हीं मजा है,
Manisha Manjari
काश अभी बच्चा होता
काश अभी बच्चा होता
साहिल
अरबपतियों की सूची बेलगाम
अरबपतियों की सूची बेलगाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
समय के पहिए पर कुछ नए आयाम छोड़ते है,
समय के पहिए पर कुछ नए आयाम छोड़ते है,
manjula chauhan
शाश्वत प्रेम
शाश्वत प्रेम
Bodhisatva kastooriya
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
कृष्णकांत गुर्जर
हजारों  रंग  दुनिया  में
हजारों रंग दुनिया में
shabina. Naaz
बूढ़ी माँ .....
बूढ़ी माँ .....
sushil sarna
"रख हिम्मत"
Dr. Kishan tandon kranti
💐प्रेम कौतुक-205💐
💐प्रेम कौतुक-205💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तुम्हें पाने के लिए
तुम्हें पाने के लिए
Surinder blackpen
ख़ुद को हमने निकाल रखा है
ख़ुद को हमने निकाल रखा है
Mahendra Narayan
जीवन एक सफर है, इसे अपने अंतिम रुप में सुंदर बनाने का जिम्मे
जीवन एक सफर है, इसे अपने अंतिम रुप में सुंदर बनाने का जिम्मे
Sidhartha Mishra
"'मोम" वालों के
*Author प्रणय प्रभात*
सजल नयन
सजल नयन
Dr. Meenakshi Sharma
दोस्ती
दोस्ती
Kanchan Alok Malu
नमी आंखे....
नमी आंखे....
Naushaba Suriya
सर्दी और चाय का रिश्ता है पुराना,
सर्दी और चाय का रिश्ता है पुराना,
Shutisha Rajput
मन का कारागार
मन का कारागार
Pooja Singh
3090.*पूर्णिका*
3090.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नग मंजुल मन मन भावे🌺🪵☘️🍁🪴
नग मंजुल मन मन भावे🌺🪵☘️🍁🪴
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जय जय राजस्थान
जय जय राजस्थान
Ravi Yadav
आपदा से सहमा आदमी
आपदा से सहमा आदमी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*जहॉं पर हारना तय था, वहॉं हम जीत जाते हैं (हिंदी गजल)*
*जहॉं पर हारना तय था, वहॉं हम जीत जाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Loading...