ग़ज़ल
छोटी सी जिंदगी में आदमी चूक जाता है
शीशा तोड़ने वाला पत्थर भी टूट जाता है
किसी को छोटा समझने की कोशिश ना करें
छोटी सी चींटी के आगे हाथी भी झुक जाता है
जीवन में इंकलाब होना बहुत ही जरूरी है
एक ही काम करके आदमी ऊब जाता है
सुख के साथ दुःख भी जरूरी है जीवन में
वरना तुफान आने से पहले हवा रुक जाता है
ना इतराना कभी भी जिन्दगी में” नूरी”अपने
उगता सूरज भी कुछ देर के लिए छुप जाता है
नूरफातिमा खातून” नूरी”
30/4/2020