Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2019 · 1 min read

[[[ ग़ज़ल ]]]

ग़ज़ल —
“मगर वह दबदबा जाता रहा बाजार होते ही”

१२२२_१२२२_१२२२_१२२२
काफिया — बाजार
रदीफ — होते ही

अकेले हूँ… गये बेटे…. मिरे लाचार
होते ही !
दिखेंगे दिन भी अब ऐसे मिरे बीमार
होते ही !!

कभी मैं ही हुआ करता खुदा हर बे-
सहारों का,,
गई.. वो शान मेरी अब नई सरकार
होते ही !!

वतन के दुश्मनों खुद को छुपा लेना
पहाड़ों में,,
कभी छोड़ा किसी को शेर ने खूँखार
होते ही !!

अभी मेरी कलम पैगाम देती है अमन
सुख का,,
नहीं तो आग… उगलेगी यही तलवार
होते ही !!

बड़ी थी पैठ.. मेरी भी बड़े जलसों के
घेरे में,,
मगर… वह दबदबा जाता रहा बाजार
होते ही !!

==============
दिनेश एल० “जैहिंद”
18. 12. 2018

247 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■ उल्टी गंगा गौमुख को...!
■ उल्टी गंगा गौमुख को...!
*Author प्रणय प्रभात*
सैनिक
सैनिक
Mamta Rani
बुंदेली दोहा संकलन बिषय- गों में (मन में)
बुंदेली दोहा संकलन बिषय- गों में (मन में)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बिडम्बना
बिडम्बना
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
गंदे-मैले वस्त्र से, मानव करता शर्म
गंदे-मैले वस्त्र से, मानव करता शर्म
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
Pt. Brajesh Kumar Nayak
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
कहानी इश्क़ की
कहानी इश्क़ की
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*कुकर्मी पुजारी*
*कुकर्मी पुजारी*
Dushyant Kumar
2570.पूर्णिका
2570.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बढ़ने वाला हर पत्ता आपको बताएगा
बढ़ने वाला हर पत्ता आपको बताएगा
शेखर सिंह
*शिव शक्ति*
*शिव शक्ति*
Shashi kala vyas
इंतजार करो
इंतजार करो
Buddha Prakash
ईश्वर से ...
ईश्वर से ...
Sangeeta Beniwal
"पूछो जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
मंजिल
मंजिल
Kanchan Khanna
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀 *वार्णिक छंद।*
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀 *वार्णिक छंद।*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
अच्छा अख़लाक़
अच्छा अख़लाक़
Dr fauzia Naseem shad
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Satya Prakash Sharma
माँ
माँ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गुरुपूर्व प्रकाश उत्सव बेला है आई
गुरुपूर्व प्रकाश उत्सव बेला है आई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आज हमने उनके ऊपर कुछ लिखने की कोशिश की,
आज हमने उनके ऊपर कुछ लिखने की कोशिश की,
Vishal babu (vishu)
💐प्रेम कौतुक-358💐
💐प्रेम कौतुक-358💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
होली का त्यौहार
होली का त्यौहार
Kavita Chouhan
ग़ज़ल- हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो...
ग़ज़ल- हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
राम राम राम
राम राम राम
Satyaveer vaishnav
चंद अशआर
चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
बेरुखी इख्तियार करते हो
बेरुखी इख्तियार करते हो
shabina. Naaz
अकेलापन
अकेलापन
Neeraj Agarwal
*वृद्धावस्था : सात दोहे*
*वृद्धावस्था : सात दोहे*
Ravi Prakash
Loading...