Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Dec 2018 · 1 min read

ग़ज़ल

—–ग़ज़ल—-

गर निगाहों में “””””प्यार आएगा
दर्दे दिल””””” बेशुमार आएगा

होश कर लो “”” जरा ऐ दीवानों
रंज और दुख “”””हजार आएगा

रात दिन “””अश्क़ ही बहेंगे जब
कैसे दरिया”””” से पार आएगा

तुम करोगे “””तो इंतजार मियाँ
वो कहीं दिल “””को हार आएगा

चाहे जितना दिलाओ गे लेकिन
उसको ना “””””ऐतबार आएगा

तुम तड़पते “””रहोगे ऐ “प्रीतम”
पर न वो”””” ग़मगुसार आएगा

प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)

1 Like · 257 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तड़प कर मर रही हूं तुझे ही पाने के लिए
तड़प कर मर रही हूं तुझे ही पाने के लिए
Ram Krishan Rastogi
★
पूर्वार्थ
"जल"
Dr. Kishan tandon kranti
सिर्फ तुम्हारे खातिर
सिर्फ तुम्हारे खातिर
gurudeenverma198
हम अपनी आवारगी से डरते हैं
हम अपनी आवारगी से डरते हैं
Surinder blackpen
दंभ हरा
दंभ हरा
Arti Bhadauria
💐प्रेम कौतुक-364💐
💐प्रेम कौतुक-364💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भारत का लाल
भारत का लाल
Aman Sinha
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
मोहब्बत अधूरी होती है मगर ज़रूरी होती है
मोहब्बत अधूरी होती है मगर ज़रूरी होती है
Monika Verma
हिन्दी दोहा -भेद
हिन्दी दोहा -भेद
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
🙏❌जानवरों को मत खाओ !❌🙏
🙏❌जानवरों को मत खाओ !❌🙏
Srishty Bansal
शाम सुहानी
शाम सुहानी
लक्ष्मी सिंह
बड़ी मादक होती है ब्रज की होली
बड़ी मादक होती है ब्रज की होली
कवि रमेशराज
चमचम चमके चाँदनी, खिली सँवर कर रात।
चमचम चमके चाँदनी, खिली सँवर कर रात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
यहाँ पाया है कम, खोया बहुत है
यहाँ पाया है कम, खोया बहुत है
अरशद रसूल बदायूंनी
Swami Vivekanand
Swami Vivekanand
Poonam Sharma
हिम्मत कभी न हारिए
हिम्मत कभी न हारिए
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ख़ुद से हमको
ख़ुद से हमको
Dr fauzia Naseem shad
चल विजय पथ
चल विजय पथ
Satish Srijan
किसी पत्थर पर इल्जाम क्यों लगाया जाता है
किसी पत्थर पर इल्जाम क्यों लगाया जाता है
कवि दीपक बवेजा
2864.*पूर्णिका*
2864.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रक्षक या भक्षक
रक्षक या भक्षक
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
*नेताजी के सिर्फ समय की, कीमत कुछ होती है (हास्य-व्यंग्य गीत
*नेताजी के सिर्फ समय की, कीमत कुछ होती है (हास्य-व्यंग्य गीत
Ravi Prakash
जल संरक्षण बहुमूल्य
जल संरक्षण बहुमूल्य
Buddha Prakash
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
Mukesh Kumar Sonkar
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है।
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है।
Manisha Manjari
बोल हिन्दी बोल, हिन्दी बोल इण्डिया
बोल हिन्दी बोल, हिन्दी बोल इण्डिया
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अर्थ  उपार्जन के लिए,
अर्थ उपार्जन के लिए,
sushil sarna
Loading...