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26 Nov 2016 · 1 min read

ग़ज़ल

ग़ज़ल
*******
ज़िन्दग़ानी में मेरे साथ, दग़ा मत करना
दिल कभी मेरा दुखे ऐसी, ख़ता मत करना
*******
जो भी कहना है तुम्हें,दिल की कहो तो हमदम
रोज़े महशर मे कहीं,मुझसे ग़िला मत करना
*******
जो समझते ही नहीं, क्या हैं वफ़ा के माअनी
ऐसे लोंगों से तो ,उम्मीद-ए-वफ़ा मत करना
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मैं हूँ बीमारे मुहब्बत , है ये मेरी ख़्वाहिश
ज़हर दे देना मुझे, मेरी दवा मत करना
*********
जब ज़माने की नज़र तुम पे कभी टेड़ी हो
अपने महबूब से छुप छुप के मिला मत करना
***********
राहे हक़ से मैं भटक जाऊँ, जिसे पाकर के
मेहरबानी वो कभी, मेरे ख़ुदा मत करना
********
चाहने वाला नसीबों से, मिला करता है
भूल कर भी मुझे तुम ,दिल से जुदा मत करना
*******
दिल के जज़्बात जो समझे है बड़ी मुश्क़िल से
ऐसे आशिक़ पे कोई, जान फ़िदा मत करना
********
लाख दुनिया ये, बुराई पे उतर आये अब
जान कर “फ़ैज़ “किसी का भी बुरा मत करना
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Geetkaar Faiz Badayuni
Phone no-09958919395 (Delhi)

1 Like · 334 Views
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