Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jun 2016 · 1 min read

ग़ज़ल :– आँगन में आत्मसमर्पण देखा !!

ग़ज़ल –: आँगन में आत्मसमर्पण देखा !!
गज़लकार–: अनुज तिवारी “इंदवार”

आग में झुलसी दुल्हन देखा !
जितनी भी सब निर्धन देखा !!
!
अम्बर के अडिग इरादों का !
आँगन में आत्मसमर्पण देखा !!
!
अरमानों के मण्डप पर बैठी !
उन सांसों की उलझन देखा !!
!
कहीं तड़फ़ती चूड़ी हाथों में !
कहीं खनकते कंगन देखा !!
!
नम आँखों के बोझिल आँसू में !
सागर का खारापन देखा !!
!
हुई प्रज्वलित लौ ज्वाला की !
जब आँखों नें दर्पण देखा !!
!
कहने को दुनियाँ अपनी पर !
कहीं नहीं अपनापन देखा !!

1 Like · 2 Comments · 446 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सच का सूरज
सच का सूरज
Shekhar Chandra Mitra
इतनी मिलती है तेरी सूरत से सूरत मेरी ‌
इतनी मिलती है तेरी सूरत से सूरत मेरी ‌
Phool gufran
जिसने हर दर्द में मुस्कुराना सीख लिया उस ने जिंदगी को जीना स
जिसने हर दर्द में मुस्कुराना सीख लिया उस ने जिंदगी को जीना स
Swati
मन की दुनिया अजब निराली
मन की दुनिया अजब निराली
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आहट
आहट
Er. Sanjay Shrivastava
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
आप और हम जीवन के सच
आप और हम जीवन के सच
Neeraj Agarwal
माँ के बिना घर आंगन अच्छा नही लगता
माँ के बिना घर आंगन अच्छा नही लगता
Basant Bhagawan Roy
ये आँखें तेरे आने की उम्मीदें जोड़ती रहीं
ये आँखें तेरे आने की उम्मीदें जोड़ती रहीं
Kailash singh
Today i am thinker
Today i am thinker
Ms.Ankit Halke jha
माॅर्डन आशिक
माॅर्डन आशिक
Kanchan Khanna
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
Arghyadeep Chakraborty
" ठिठक गए पल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
मेरे पापा
मेरे पापा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कैसी है ये जिंदगी
कैसी है ये जिंदगी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ए'लान - ए - जंग
ए'लान - ए - जंग
Shyam Sundar Subramanian
*मृत्यु : चौदह दोहे*
*मृत्यु : चौदह दोहे*
Ravi Prakash
हे राम !
हे राम !
Ghanshyam Poddar
2596.पूर्णिका
2596.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बदलते चेहरे हैं
बदलते चेहरे हैं
Dr fauzia Naseem shad
दूर हो गया था मैं मतलब की हर एक सै से
दूर हो गया था मैं मतलब की हर एक सै से
कवि दीपक बवेजा
"बारिश की बूंदें" (Raindrops)
Sidhartha Mishra
* कुछ पता चलता नहीं *
* कुछ पता चलता नहीं *
surenderpal vaidya
अजर अमर सतनाम
अजर अमर सतनाम
Dr. Kishan tandon kranti
शीर्षक:जय जय महाकाल
शीर्षक:जय जय महाकाल
Dr Manju Saini
माँ तुझे प्रणाम
माँ तुझे प्रणाम
Sumit Ki Kalam Se Ek Marwari Banda
भारत का लाल
भारत का लाल
Aman Sinha
न चाहे युद्ध वही तो बुद्ध है।
न चाहे युद्ध वही तो बुद्ध है।
Buddha Prakash
Loading...