Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jan 2019 · 1 min read

गल्ती

हर बार सबका दिल रखने की कोशिश करती हूं।।
गल्ती इतनी है कि अपना दिल रखना भूल जाती हूं।।

हर बार सबका अच्छा चाहने की कोशिश करती हूं।।
गल्ती इतनी है कि अपना अच्छा चाहना भूल जाती हूं।।

हर बार सबको खुश रखना जरुरी समझती हूं।।
गल्ती इतनी है कि अपनी खुशी को दूसरों के आगे कम समझती हूं।।

हर बार सबकी मर्जी से जिंदगी जी जाती हूं।।
गल्ती इतनी है कि अपनी मर्जी करना भूल जाती हूं।।

हर बार सबको सुखी देख कर सुखी रहती हूं।।
गल्ती इतनी है कि किसी को दुखी देखकर मायूस रहती हूं।।

कृति भाटिया।।

Language: Hindi
1 Like · 308 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
घाव
घाव
अखिलेश 'अखिल'
2480.पूर्णिका
2480.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आजादी दिवस
आजादी दिवस
लक्ष्मी सिंह
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना  मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
DrLakshman Jha Parimal
Image at Hajipur
Image at Hajipur
Hajipur
रिश्ते-नाते स्वार्थ के,
रिश्ते-नाते स्वार्थ के,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
गर्व की बात
गर्व की बात
Er. Sanjay Shrivastava
ऑन लाइन पेमेंट
ऑन लाइन पेमेंट
Satish Srijan
खूबसूरत पड़ोसन का कंफ्यूजन
खूबसूरत पड़ोसन का कंफ्यूजन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
छोटी-छोटी बातों से, ऐ दिल परेशाँ न हुआ कर,
छोटी-छोटी बातों से, ऐ दिल परेशाँ न हुआ कर,
_सुलेखा.
जब तू रूठ जाता है
जब तू रूठ जाता है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बीज और बच्चे
बीज और बच्चे
Manu Vashistha
मिताइ।
मिताइ।
Acharya Rama Nand Mandal
साँसें कागज की नाँव पर,
साँसें कागज की नाँव पर,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कर्मठ व्यक्ति की सहनशीलता ही धैर्य है, उसके द्वारा किया क्षम
कर्मठ व्यक्ति की सहनशीलता ही धैर्य है, उसके द्वारा किया क्षम
Sanjay ' शून्य'
*
*"गुरू पूर्णिमा"*
Shashi kala vyas
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का दूसरा वर्ष (1960 - 61)*
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का दूसरा वर्ष (1960 - 61)*
Ravi Prakash
अकेले चलने की तो ठानी थी
अकेले चलने की तो ठानी थी
Dr.Kumari Sandhya
कहां जाऊं सत्य की खोज में।
कहां जाऊं सत्य की खोज में।
Taj Mohammad
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Kanchan verma
White patches
White patches
Buddha Prakash
तेरी यादों के आईने को
तेरी यादों के आईने को
Atul "Krishn"
बालि हनुमान मलयुद्ध
बालि हनुमान मलयुद्ध
Anil chobisa
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
जिस नारी ने जन्म दिया
जिस नारी ने जन्म दिया
VINOD CHAUHAN
तपिश धूप की तो महज पल भर की मुश्किल है साहब
तपिश धूप की तो महज पल भर की मुश्किल है साहब
Yogini kajol Pathak
फूलन देवी
फूलन देवी
Shekhar Chandra Mitra
तीखा सूरज : उमेश शुक्ल के हाइकु
तीखा सूरज : उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जिस दिन कविता से लोगों के,
जिस दिन कविता से लोगों के,
जगदीश शर्मा सहज
तुझे खुश देखना चाहता था
तुझे खुश देखना चाहता था
Kumar lalit
Loading...