Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2017 · 1 min read

गर्मी

गर्मी

तन ये सारा फूंक दिया
मन मेरा झकझोर दिया
गिराकर ऐसे सीधी गर्मी
सबकुछ तुने झुलसा दिया ।

खिलने वाला प्रसून बाग में
अधखिला सा रहने लगा
मीठा बोलने वाला पंछी
कर्कश वाणी में चहकने लगा

कंठ सूखा है सभी का
जलाशयों को तुने जला दिया।
गिराकर ऐसे सीधी गर्मी
सबकुछ तुने झुलसा दिया ।

पेड़ों की शीतल छाया भी
रहने लगी है गर्म भी
पत्ते सूख कर गिरने लगे
उड़ते हैं बन कर चिट्ठी

इतनी गर्म हवाओं ने
जीना दुर्भर है कर दिया ।
गिराकर ऐसे सीधी गर्मी
सबकुछ तुने झुलसा दिया ।
-0-
नवल पाल प्रभाकर

Language: Hindi
249 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मन में मदिरा पाप की,
मन में मदिरा पाप की,
sushil sarna
ओ! चॅंद्रयान
ओ! चॅंद्रयान
kavita verma
मत भूल खुद को!
मत भूल खुद को!
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
*पाते हैं सौभाग्य से, पक्षी अपना नीड़ ( कुंडलिया )*
*पाते हैं सौभाग्य से, पक्षी अपना नीड़ ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
जानबूझकर कभी जहर खाया नहीं जाता
जानबूझकर कभी जहर खाया नहीं जाता
सौरभ पाण्डेय
बोझ हसरतों का - मुक्तक
बोझ हसरतों का - मुक्तक
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
श्रृंगार
श्रृंगार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*बल गीत (वादल )*
*बल गीत (वादल )*
Rituraj shivem verma
जीवन से तम को दूर करो
जीवन से तम को दूर करो
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
खून-पसीने के ईंधन से, खुद का यान चलाऊंगा,
खून-पसीने के ईंधन से, खुद का यान चलाऊंगा,
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
सर्वंश दानी
सर्वंश दानी
Satish Srijan
Childhood is rich and adulthood is poor.
Childhood is rich and adulthood is poor.
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जीवन बेहतर बनाए
जीवन बेहतर बनाए
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मां
मां
Irshad Aatif
यहाँ प्रयाग न गंगासागर,
यहाँ प्रयाग न गंगासागर,
Anil chobisa
कड़वा सच
कड़वा सच
Sanjeev Kumar mishra
ख़ुशी मिले कि मिले ग़म मुझे मलाल नहीं
ख़ुशी मिले कि मिले ग़म मुझे मलाल नहीं
Anis Shah
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
Sanjay ' शून्य'
"दर्द से दोस्ती"
Dr. Kishan tandon kranti
■ आज का विचार
■ आज का विचार
*Author प्रणय प्रभात*
मिलती नहीं खुशी अब ज़माने पहले जैसे कहीं भी,
मिलती नहीं खुशी अब ज़माने पहले जैसे कहीं भी,
manjula chauhan
💐प्रेम कौतुक-255💐
💐प्रेम कौतुक-255💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जीवन में शॉर्ट कट 2 मिनट मैगी के जैसे होते हैं जो सिर्फ दो म
जीवन में शॉर्ट कट 2 मिनट मैगी के जैसे होते हैं जो सिर्फ दो म
Neelam Sharma
2940.*पूर्णिका*
2940.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बगिया के गाछी आउर भिखमंगनी बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
बगिया के गाछी आउर भिखमंगनी बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
*राष्ट्रभाषा हिंदी और देशज शब्द*
*राष्ट्रभाषा हिंदी और देशज शब्द*
Subhash Singhai
मनुष्य जीवन - एक अनसुलझा यक्ष प्रश्न
मनुष्य जीवन - एक अनसुलझा यक्ष प्रश्न
Shyam Sundar Subramanian
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...