गरीबों का धन कर गया गबन
गरीबों का धन कर गयागबन
जो गरीबों का था उसे लुटेरों ने छीन लिया,
खाली हाथ माथा पकड़ जनता ने चुप रह लिया।
एक नही,दो नही हजारों को तबाह कर दिया,
अपनी तिजोरियों को गरीब विकलो के धन से भर लिया।
रातों रात बैंको का सारा रूपया गबन का दिया,
भोर होते ही गद्दार देश से विदेश निकल लिया।
“ग़रीबी में गीला आटा” गरीबों और लाचारों का कर दिया।
तिल तिल मरने और भूखें रहने को छोड़ दिया।
जनता के अटूट विश्वास का खून के दिया।
जिंदगी भर की कमाई को ले रफूचक्कर हो लिया।
छुप छुप सारे घोटाले आहिस्ता आहिस्ता कर लिया।
मौका पाते ही चोर परिवार कुटुम्ब संग फरार हो लिया।
इस चोरिकाण्ड से जनता ने सबक ले लिया।
अपना रुपया पैसा व्यापार में लगा कर अपने धन की निगरानी खुद कर लेंने का प्रण लिया।
गायत्री सोनु जैन