गरमी बढ़ रही है
आज जब मौसम अपना रंग बदलने लगा है
चारों तरफ एक अनजानी बदलाव का मौसम लगने लगा है
हमारे पास इसका गुमान भी नहीं है
हम अब गर्म जो होने लगे है इसका पता
तब लगा है जबकि
हम यह चाहने लगे है कि हमारे आसपास जो बदलाव हो रहे हैं
उसमें से कुछ ऐसा परिवर्तन नोट हो जो
हमें ताकत के साथ सुधार भी ला रहा है
यदि ऐसा नहीं होता है
हमारा आपके साथ कोई संबंध नहंीं बन पाता
तो क्या हमारे पास ऐसा रास्ता है
जो हमें आपके संबंध तक ले जाता है
हमारे साथ जो कोई भी है उसका पता
आपसे अच्छा कौन जान सकता है।
अब आप पर यह जाहिर हो चुका है
कि कौन दोषी है और कौन सच्चा है
अब आप पर हम अपना निर्णय
थोपने नहीं जा रहे हैं
आपसे यह आशा कर रहे है कि
आप हमारे साथ
न्याय करेंगे।