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4 Jan 2018 · 1 min read

*गमों का खजाना*

विरासत में मिला है ,गमों का खजाना।
मुझे रास आ गया है , इनको निभाना ।।

आ और आ मजबूर हो जाए तो कहना
बड़ा मजबूत है यार , तेरा बस्ता पुराना ।।

अभी जिंदगी बहुत है गस खिलाती रह
तक जाए तब जहां मन हो चली जाना ।।

और कितनी पलीत करेगी,मिटटी कर
सीख कोई नया तरीका और आजमाना।।

कसर कौन सी छोड़ी है इस दरम्यान तूने
परोसते बक़्त देखा, क्या है माप पैमाना ।।

दामन में समेंटा है हमेंशा , खुशियों सा
चला जाएगा ‘साहब’एक दिन तू रह जाना।।

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