Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2017 · 1 min read

गधे का दर्द

एक गधे ने ब्रह्याजी को अपना अपना दर्द सुनाया।
ब्रम्हण मुझ पर ही क्यों मूर्खता का उदाहरण फरमाया।
इतना कहकर गधे को रोना आय।
सुनकर ब्रह्मा जी का दया भाव जाग आया।

अरे गधे अरे तू शायद स्वार्थी मानव के चक्कर में आया।
तुझे पता नहीं आज कल मानव ने सोचा।
अपनी परिभाषा को बदल डालो।
जो संकट में सहारा हो उसको मसल डालो।

तेरी पीठ पर ईंटा ढो बड़ा ही भवन बनाया।
फिर ए सी में बैठ झूठी शान में इतराया
अरे गधे मानव ने तेरे धैर्य शांति लाभ उठाया।
क्योंकि तुमने और जानवरों सा विरोध नहीं जताया।

कुत्ते से काटना ,बिल्ली सा झपटना , लोमड़ी की चतुराई तू नहीं पाया।
घोड़ा की दौड़ हाथी की सूंड साँड सा सींग और शेर सा नही गुर्राया।
इसलिए मानव ने तुझे मूर्ख का उदाहरण ठहराया।

यह बात सुन ब्रह्माजी की गधे को समझ आया।
महामूर्ख ने ही मुझे मूर्ख ठहराया।
यह सोच गधे ने फिर चीहो चीहो शंख बजाया।
मार पुष्टगें दौङ लगा फिर धूल में लोट लोट नहाया।

प्रशांत शर्मा “सरल”
नेहरू वार्ड नरसिंहपुर
मोबाइल 9009594797

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 751 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"ख़्वाहिशों की दुनिया"
Dr. Kishan tandon kranti
ऐसे ही मुक़्क़मल करो अपने सारे ख्वाब✌🏻✌🏻
ऐसे ही मुक़्क़मल करो अपने सारे ख्वाब✌🏻✌🏻
Vaishaligoel
Gulab ke hasin khab bunne wali
Gulab ke hasin khab bunne wali
Sakshi Tripathi
वही पर्याप्त है
वही पर्याप्त है
Satish Srijan
पुष्पों का पाषाण पर,
पुष्पों का पाषाण पर,
sushil sarna
फागुन का महीना आया
फागुन का महीना आया
Dr Manju Saini
अश्रु से भरी आंँखें
अश्रु से भरी आंँखें
डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि'
जानते वो भी हैं...!!
जानते वो भी हैं...!!
Kanchan Khanna
बदलती हवाओं की परवाह ना कर रहगुजर
बदलती हवाओं की परवाह ना कर रहगुजर
VINOD CHAUHAN
हौसला
हौसला
Sanjay ' शून्य'
बचपन
बचपन
संजय कुमार संजू
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
Dr Archana Gupta
उसकी नज़र में अहमियत
उसकी नज़र में अहमियत
Dr fauzia Naseem shad
विपक्ष से सवाल
विपक्ष से सवाल
Shekhar Chandra Mitra
प्रिये
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जज्बात
जज्बात
अखिलेश 'अखिल'
दया समता समर्पण त्याग के आदर्श रघुनंदन।
दया समता समर्पण त्याग के आदर्श रघुनंदन।
जगदीश शर्मा सहज
निराकार वह कौन (कुंडलिया)
निराकार वह कौन (कुंडलिया)
Ravi Prakash
4) “एक और मौक़ा”
4) “एक और मौक़ा”
Sapna Arora
मेखला धार
मेखला धार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
2984.*पूर्णिका*
2984.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जलने वालों का कुछ हो नहीं सकता,
जलने वालों का कुछ हो नहीं सकता,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
#एहतियातन...
#एहतियातन...
*Author प्रणय प्रभात*
Rap song (3)
Rap song (3)
Nishant prakhar
I hope one day the clouds will be gone, and the bright sun will rise.
I hope one day the clouds will be gone, and the bright sun will rise.
Manisha Manjari
संस्कारधर्मी न्याय तुला पर
संस्कारधर्मी न्याय तुला पर
Dr MusafiR BaithA
हिज़्र
हिज़्र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
*होली*
*होली*
Shashi kala vyas
“ कौन सुनेगा ?”
“ कौन सुनेगा ?”
DrLakshman Jha Parimal
Loading...