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19 Mar 2017 · 1 min read

गधा परेशान है

छेड़ते हुये जो मुझे, मेरा एक छात्र बोला…
सर जी सुना है आप, बड़े विद्यवान हैँ…

बाई बतियाती घरे, कक्का बतियाती घर..,
पुरा भर के कहते हैँ कि, आप तो महान हैँ…

गीत लिखे गजल लिखे, कविता और छंद लिखे..,
समझ ना आता आप, कैसे ग्यान वान हैँ.,

तृप्ति के तिनके लिखे, दादाजी के छक्के लिखे…
आप ही बताये क्योंकर, गधा परेशान हैँ….

बेटा बात समझो तो, बात है ये सीधी साधी..,
एक दूसरे पे यहाँ, तनी हर कमान है….

बाप बेटी से परेशान, जीजा जीजी से परेशान….
पत्नी के करमो से, पति हैरान है….

जनता है नेता से खफा, नेता है अफसर से खफा,…
बाबुओ की पैसा में, बसती यहाँ जान है….

मैने तो है जान लिया, बेटा तू भी जान ले ये….
गधइयो के पीछे हर, गधा परेशान है…

विजय बेशर्म 9424750038

Language: Hindi
1 Like · 621 Views
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