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20 Feb 2019 · 1 min read

गजल

जब भी हमने कोई कलाम लिखा
सबसे पहले दोस्तो को सलाम लिखा
कभी नैनों का नीर लिखा और
कभी होठों को जाम लिखा
बात छिड़ी जब फूलों की
हमने उसका नाम लिखा
देश के वीरों ने अक्सर
लहू से है पैग़ाम लिखा
चखा है लंगर कभी गुरु का
कभी अल्लाह औे राम लिखा
बिकने वाले हर चेहरे पर
हमने देखा दाम लिखा
चंद अशआरों में ही हमने
ये हाले दिल तमाम लिखा

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