Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2017 · 1 min read

गजल

“लहरों को पतवार करोगे,
तो खुद को मझधार करोगे।
साथ न देगा कोई भी जो,
बार-बार इनकार करोगे।
मनमर्जी कर आज मिटा दो,
फिर इक दिन मनुहार करोगे।
कहाँ निभेंगे तुमसे रिश्ते,
अपनों से तकरार करोगे।
दर्प तुम्हारा ही दोषी है,
कैसे तुम स्वीकार करोगे।
मोल न होगा ,दीवारों का,
जो घर को बाजार करोगे।”
#रजनी

379 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सब छोड़ कर चले गए हमें दरकिनार कर के यहां
सब छोड़ कर चले गए हमें दरकिनार कर के यहां
VINOD CHAUHAN
*नि:स्वार्थ विद्यालय सृजित जो कर गए उनको नमन (गीत)*
*नि:स्वार्थ विद्यालय सृजित जो कर गए उनको नमन (गीत)*
Ravi Prakash
2452.पूर्णिका
2452.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हम जितने ही सहज होगें,
हम जितने ही सहज होगें,
लक्ष्मी सिंह
धनमद
धनमद
Sanjay ' शून्य'
चंद अशआर
चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
◆आज की बात◆
◆आज की बात◆
*Author प्रणय प्रभात*
* मुस्कुरा देना *
* मुस्कुरा देना *
surenderpal vaidya
शिखर के शीर्ष पर
शिखर के शीर्ष पर
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
*अहंकार*
*अहंकार*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*हम विफल लोग है*
*हम विफल लोग है*
पूर्वार्थ
बासी रोटी...... एक सच
बासी रोटी...... एक सच
Neeraj Agarwal
जिस तरह से बिना चाहे ग़म मिल जाते है
जिस तरह से बिना चाहे ग़म मिल जाते है
shabina. Naaz
"दर्पण बोलता है"
Ekta chitrangini
कविता माँ काली का गद्यानुवाद
कविता माँ काली का गद्यानुवाद
दुष्यन्त 'बाबा'
क्षणिका
क्षणिका
sushil sarna
हाइकु- शरद पूर्णिमा
हाइकु- शरद पूर्णिमा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"तब तुम क्या करती"
Lohit Tamta
क्यों मुश्किलों का
क्यों मुश्किलों का
Dr fauzia Naseem shad
वक़्त के शायरों से एक अपील
वक़्त के शायरों से एक अपील
Shekhar Chandra Mitra
उम्र के हर एक पड़ाव की तस्वीर क़ैद कर लेना
उम्र के हर एक पड़ाव की तस्वीर क़ैद कर लेना
'अशांत' शेखर
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
रात अज़ब जो स्वप्न था देखा।।
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
Your heart is a Queen who runs by gesture of your mindset !
Your heart is a Queen who runs by gesture of your mindset !
Nupur Pathak
पहुँचाया है चाँद पर, सफ़ल हो गया यान
पहुँचाया है चाँद पर, सफ़ल हो गया यान
Dr Archana Gupta
दौड़ते ही जा रहे सब हर तरफ
दौड़ते ही जा रहे सब हर तरफ
Dhirendra Singh
जीत रही है जंग शांति की हार हो रही।
जीत रही है जंग शांति की हार हो रही।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
gurudeenverma198
इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है।
इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है।
Manisha Manjari
भोले
भोले
manjula chauhan
.......,,
.......,,
शेखर सिंह
Loading...