Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Apr 2017 · 2 min read

गजल 2122 2122 212 पर

मतला

रात से है मोगरा महका हुआ ।
गंध से लगता सनम बहका हुआ।**0**

अशआर

आपसे मुझको छुपाना क्या भला।
आपके कब सामने पर्दा हुआ। 1

कौन लिखता है यहाँ अहसास को।
बस किसी की बात पर लिखना हुआ।*2*

हम अकेले खेलते है खेल को।
भीड़ में तो खेल क्या पूरा हुआ।*3*

नर्म अहसासों की उडती धज्जियां।
हल दिलो का कब यहाँ मसला हुआ।*4*

गर्म मौसम यूँ अचानक हो गया।
आज सूरज लग रहा बदला हुआ।*5*

प्यार के सोदे में हानी क्या नफा।
प्यार तो नायाब ही तोहफा हुआ।*6*

घर घरोंदे में उलझ इतना गई।
मौज मस्ती दूर का किस्सा हुआ।*7*

व्यस्तता इतनी मुझे उलझा गई।
दीप से भी दूर उजियारा हुआ।*8*

बांहों में भरकर मुझे तू प्यार कर।
प्यार मेरा प्यास का दरिया हुआ।*9*

प्यार उनका तू मुझे लौटा खुदा।
प्यार उनका बेंक का खाता हुआ।*10*

आपका यह प्यार मुझको क्या मिला।
आगया घर राह से भटका हुआ।*11*

बेवफाई बेचकर जो भी गया।
वो वफा का यार रंगीला हुआ।*12*

मार पत्थर की जवानो पर पड़ी।
होश नेताओ का भी खश्ता हुआ।*13*

सिक रहा है आदमी गर्मी से यूँ।
देखकर लगता हे ज्यो भुरता हुआ।*14*

फेंकने वालो ने फेंके बम यहाँ।
आदमी फिर रह गया पिसता हुआ।*15*

छोड़ कर बेटी चली अपना ही घर।
रह गया बाबुल वहाँ रोता हुआ।*16*

आसमां से गाज नित गिरती रही।
जा रहा फिर आदमी फंसता हुआ।*17*

रात मुझसे कह रही दिन भूल जा।
लेट मेरी गोद में हँसता हुआ।*18*

सब्ज़ पत्ते का शजर मिलता नही।
बॉनजाई पौध का जलवा हुआ। 19

भागते सपनों से डरकर क्यों भला।
ठान ली जिसने सपन पूरा हुआ।*20*

टूटकर सब चाहते है यार को।
प्यार देखो किस कदर सस्ता हुआ।*21*

लोग जीते है यहाँ निज स्वार्थ में।
इस जगत को इसलिए छाला हुआ।*22*

चाँद से जलने लगी अब चांदनी।
चाँद भी जल जल के अब काला हुआ।*23*

काम पूजा है सुनो ‘मधु ‘जान लो।
काम से ही आदमी राजा हुआ। 24

****-*-**मधु गौतम

2998 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*साँसों ने तड़फना कब छोड़ा*
*साँसों ने तड़फना कब छोड़ा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गरीबी तमाशा
गरीबी तमाशा
Dr fauzia Naseem shad
चश्मा
चश्मा
लक्ष्मी सिंह
"सुपारी"
Dr. Kishan tandon kranti
World Books Day
World Books Day
Tushar Jagawat
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
किसी की हिफाजत में,
किसी की हिफाजत में,
Dr. Man Mohan Krishna
कभी कभी ये पलकें भी
कभी कभी ये पलकें भी
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*रिश्वत देकर काम निकालो, रिश्वत जिंदाबाद 【हिंदी गजल/ गीतिका】
*रिश्वत देकर काम निकालो, रिश्वत जिंदाबाद 【हिंदी गजल/ गीतिका】
Ravi Prakash
जब अपने ही कदम उलझने लगे अपने पैरो में
जब अपने ही कदम उलझने लगे अपने पैरो में
'अशांत' शेखर
तू होती तो
तू होती तो
Satish Srijan
Stop cheating on your future with your past.
Stop cheating on your future with your past.
पूर्वार्थ
कर दो बहाल पुरानी पेंशन
कर दो बहाल पुरानी पेंशन
gurudeenverma198
युग बीत गया
युग बीत गया
Dr.Pratibha Prakash
रंगे अमन
रंगे अमन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
गाय
गाय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जिंदगी
जिंदगी
Seema gupta,Alwar
#हिंदी-
#हिंदी-
*Author प्रणय प्रभात*
2722.*पूर्णिका*
2722.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
।। सुविचार ।।
।। सुविचार ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
हुनर
हुनर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
** पर्व दिवाली **
** पर्व दिवाली **
surenderpal vaidya
बेटी हूँ माँ तेरी
बेटी हूँ माँ तेरी
Deepesh purohit
दोहे
दोहे "हरियाली तीज"
Vaishali Rastogi
बुंदेली दोहा- गरे गौ (भाग-1)
बुंदेली दोहा- गरे गौ (भाग-1)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सुविचार
सुविचार
Dr MusafiR BaithA
💐प्रेम कौतुक-336💐
💐प्रेम कौतुक-336💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वार्तालाप अगर चांदी है
वार्तालाप अगर चांदी है
Pankaj Sen
उजियारी ऋतुओं में भरती
उजियारी ऋतुओं में भरती
Rashmi Sanjay
Loading...