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18 Jan 2017 · 1 min read

गजल

“ऐ !खुदा क्यु खफा है तु आज मुझसे
जरा मुझे इस खफा कि खता तो बता

हु जुस्तजु मे तेरी फिरता मै दर-बदर
रहता है किस जहां मे तु,पता तो बता ,

नही गुजारिश कोई तुझसे मेरी यहा
रह गया अधूरा मै,मेरी धता तो बता,

मुकम्मल नही मेरी जुस्तजु तुझ बिन
इस जुस्तजु कि अब,इन्तहा तो बता”

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