Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Sep 2016 · 1 min read

गजल

जिंदगी की राह में बनके बेगाना चल दिए
लूट कर सुख चैन देखो कर दिवाना चल दिए

आपकी ही बात है अब आपसे ही कर रहे
सुन शिकायत लो हमारी जाने जाना चल दिए

मुफलिसी देखो हमारी जान लेती है यहाँ
हाल देखा तुम बदल करके ठिकाना चल दिए

रोशनी करने लगा है चाँद, जगमग आसंमा
मिट गए सारे अँधेरे बन फसाना चल दिए

गीत दुनिया आज भी देती रहेगी जख्म यूँ
क्या करे अब छोड़ दुनिया हम जमाना चल दिए।।।

संगीता गोयल
17/9/16

Language: Hindi
1 Like · 392 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
किसका चौकीदार?
किसका चौकीदार?
Shekhar Chandra Mitra
संगठन
संगठन
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
रंग पंचमी
रंग पंचमी
जगदीश लववंशी
* बहुत खुशहाल है साम्राज्य उसका
* बहुत खुशहाल है साम्राज्य उसका
Shubham Pandey (S P)
वफा माँगी थी
वफा माँगी थी
Swami Ganganiya
💐अज्ञात के प्रति-89💐
💐अज्ञात के प्रति-89💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दिल हो काबू में....😂
दिल हो काबू में....😂
Jitendra Chhonkar
*फँसे मँझधार में नौका, प्रभो अवतार बन जाना 【हिंदी गजल/ गीतिक
*फँसे मँझधार में नौका, प्रभो अवतार बन जाना 【हिंदी गजल/ गीतिक
Ravi Prakash
"मैं पूछता हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
Phool gufran
वसंततिलका छन्द
वसंततिलका छन्द
Neelam Sharma
कलम के सिपाही
कलम के सिपाही
Pt. Brajesh Kumar Nayak
कश्मीर में चल रहे जवानों और आतंकीयो के बिच मुठभेड़
कश्मीर में चल रहे जवानों और आतंकीयो के बिच मुठभेड़
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
दोहा
दोहा
sushil sarna
साल को बीतता देखना।
साल को बीतता देखना।
Brijpal Singh
ਲਿਖ ਲਿਖ ਕੇ ਮੇਰਾ ਨਾਮ
ਲਿਖ ਲਿਖ ਕੇ ਮੇਰਾ ਨਾਮ
Surinder blackpen
कामयाबी
कामयाबी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रिश्तों को तू तोल मत,
रिश्तों को तू तोल मत,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
23/200. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/200. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रात बदरिया...
रात बदरिया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
■ सपनों में आ कर ■
■ सपनों में आ कर ■
*Author प्रणय प्रभात*
बाल कविता: भालू की सगाई
बाल कविता: भालू की सगाई
Rajesh Kumar Arjun
शतरंज
शतरंज
भवेश
खुद के व्यक्तिगत अस्तित्व को आर्थिक सामाजिक तौर पर मजबूत बना
खुद के व्यक्तिगत अस्तित्व को आर्थिक सामाजिक तौर पर मजबूत बना
पूर्वार्थ
अखंड साँसें प्रतीक हैं, उद्देश्य अभी शेष है।
अखंड साँसें प्रतीक हैं, उद्देश्य अभी शेष है।
Manisha Manjari
अश्लील साहित्य
अश्लील साहित्य
Sanjay ' शून्य'
मेरी हस्ती
मेरी हस्ती
Shyam Sundar Subramanian
21)”होली पर्व”
21)”होली पर्व”
Sapna Arora
करवाचौथ
करवाचौथ
Neeraj Agarwal
Loading...