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14 Dec 2016 · 1 min read

??मिलकर मुस्क़रा दीजिए??

मेरे प्यार का यूँ सिला दीजिए।
मिलकर दिल से मुस्क़रा दीजिए।।

आँखों में मुहब्बत का जश्न हो।
कभी भूलकर भी न गिला कीजिए।।

प्रेम से मिलना,प्रेम से रहना है।
यूँ ही ज़िन्दगी का मज़ा लीजिए।।

गुल खिल सुगंध बिखता पल-पल।
ज़िन्दगी में गुल-सा खिला कीजिए।।

प्रेम आनंद का आधार है मस्ती है।
दिल में बसा ख़ुशियां ज़मा कीजिए।।

क्या लाए तुम क्या लेकर जाओगे।
गीता का वचन ज़रा सोचा कीजिए।।

“प्रीतम”प्यार की पूंजी लेकर जाना।
नफ़रत को दिल से ज़ुदा कीजिए।।

Language: Hindi
249 Views
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