Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Apr 2017 · 1 min read

??◆ प्रीत का झूला◆??

हुश्नो-शबाब से दिल मेरा,वो चुराके चली गई।
अपनी मीठी बातों से,वो बहलाके चली गई।।

फुरसत में तराशा हुआ पूरनूर बदन क़सम से।
लता-सी बलखाके दिल वो लिपटाके चली गई।।

पास आकर यूँ बैठना,जैसे ख़ुदा मिला हो मुझे।
अपने प्यार के रंग में इतना,वो डुबाके चली गई।।

वो खिलखिलाकर हँसना,मचलकर बातें करना।
ज़ालिम अंदाज़े-वफ़ा से,वो लुभाके चली गई।।

हम सौ-जान से मरने लगे,क्या ख़्याल है आपका।
मेरे इस सवाल पर बस,वो मुस्क़राके चली गई।।

मैंने पूछा ए-चाँद कहाँ से पाया ये रूप सलौना।
सुनकर यह मेरे पास से,वो शरमाके चली गई।।

दाँतों तले दबाके दुपट्टा,वो शरमाके बातें करना।
इसी कमसिन अदा से,वो दिल उड़ाके चली गई।।

तिरछी नज़र से देखा उसने दाँतों तले दबा ऊँगली।
फिर चाँद-सी हँसी,वो इश्क़े-फूल बरसाके चली गई।।

यूँ तन्हा गुमसुम कहाँ खोया है आज यार मेरे।
“प्रीतम”प्रीत का झूला तुझे,वो झुलाके चली गई।।

***********************

Language: Hindi
299 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
** हद हो गई  तेरे इंकार की **
** हद हो गई तेरे इंकार की **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बड़े इत्मीनान से सो रहे हो,
बड़े इत्मीनान से सो रहे हो,
Buddha Prakash
"संयोग-वियोग"
Dr. Kishan tandon kranti
शायरी
शायरी
goutam shaw
फुर्सत से आईने में जब तेरा दीदार किया।
फुर्सत से आईने में जब तेरा दीदार किया।
Phool gufran
काग़ज़ पर उतार दो
काग़ज़ पर उतार दो
Surinder blackpen
अब की बार पत्थर का बनाना ए खुदा
अब की बार पत्थर का बनाना ए खुदा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
Not only doctors but also cheater opens eyes.
Not only doctors but also cheater opens eyes.
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मुद्रा नियमित शिक्षण
मुद्रा नियमित शिक्षण
AJAY AMITABH SUMAN
3106.*पूर्णिका*
3106.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तोहमतें,रूसवाईयाँ तंज़ और तन्हाईयाँ
तोहमतें,रूसवाईयाँ तंज़ और तन्हाईयाँ
Shweta Soni
"*पिता*"
Radhakishan R. Mundhra
एक गुलाब हो
एक गुलाब हो
हिमांशु Kulshrestha
मन मर्जी के गीत हैं,
मन मर्जी के गीत हैं,
sushil sarna
विश्व गौरैया दिवस
विश्व गौरैया दिवस
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बहुत-सी प्रेम कहानियाँ
बहुत-सी प्रेम कहानियाँ
पूर्वार्थ
यहां नसीब में रोटी कभी तो दाल नहीं।
यहां नसीब में रोटी कभी तो दाल नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
ईगो का विचार ही नहीं
ईगो का विचार ही नहीं
शेखर सिंह
सच है, दुनिया हंसती है
सच है, दुनिया हंसती है
Saraswati Bajpai
मेरे तात !
मेरे तात !
Akash Yadav
पंचचामर मुक्तक
पंचचामर मुक्तक
Neelam Sharma
जमाना जीतने की ख्वाइश नहीं है मेरी!
जमाना जीतने की ख्वाइश नहीं है मेरी!
Vishal babu (vishu)
मेरे वतन मेरे वतन
मेरे वतन मेरे वतन
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
राम आए हैं भाई रे
राम आए हैं भाई रे
Harinarayan Tanha
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
*अपयश हार मुसीबतें , समझो गहरे मित्र (कुंडलिया)*
*अपयश हार मुसीबतें , समझो गहरे मित्र (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मारुति
मारुति
Kavita Chouhan
Dr अरूण कुमार शास्त्री
Dr अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुझमें मुझसा
मुझमें मुझसा
Dr fauzia Naseem shad
■ आज का शेर...
■ आज का शेर...
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...