Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Nov 2018 · 1 min read

गजल: न कोई गजल न कोई मिश्रा

तमाम शहर की अक्सर, रहे नजर में है…!
वो एक शख्स जो मेरे लहू, जिगर में है…!!

खयालो ख्वाब की मंजिल तलाश करता फिरे…!
हरेक शख्स यहाँ, उम्र भर सफर में है…!!

सनम ने पाई है जलवागरी जो, क्या बोलू…!
वो बात वो रौनक, कहाँ कमर में है…!

फरेब, झुठ, रियाकारियाँ करे है अब…!
न जाने आज का इंसा किस दहर में है…!!

तुम्हारे इश्क़ में बदनाम, हम हुये इतने…!
हमारा नाम यहाँ, रोज ही खबर में है…!!

उरूज पाए है फिर भी सुखन में ऐ साहिल…!
ग़ज़ल न जिनकी, न मिश्रा कोई बहर में है…!!

5 Likes · 2 Comments · 322 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
श्रम कम होने न देना _
श्रम कम होने न देना _
Rajesh vyas
रमेशराज की बच्चा विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की बच्चा विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
बिडम्बना
बिडम्बना
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ख़्वाब ख़्वाब ही रह गया,
ख़्वाब ख़्वाब ही रह गया,
अजहर अली (An Explorer of Life)
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
जय शिव-शंकर
जय शिव-शंकर
Anil Mishra Prahari
सर्द ठिठुरन आँगन से,बैठक में पैर जमाने लगी।
सर्द ठिठुरन आँगन से,बैठक में पैर जमाने लगी।
पूर्वार्थ
मतदान
मतदान
Kanchan Khanna
मुझे हमेशा लगता था
मुझे हमेशा लगता था
ruby kumari
कोई...💔
कोई...💔
Srishty Bansal
ज़िन्दगी का रंग उतरे
ज़िन्दगी का रंग उतरे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
राख देख  शमशान  में, मनवा  करे सवाल।
राख देख शमशान में, मनवा करे सवाल।
दुष्यन्त 'बाबा'
"सब्र"
Dr. Kishan tandon kranti
"प्रीत की डोर”
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
शायद मेरी क़िस्मत में ही लिक्खा था ठोकर खाना
शायद मेरी क़िस्मत में ही लिक्खा था ठोकर खाना
Shweta Soni
माता के नौ रूप
माता के नौ रूप
Dr. Sunita Singh
बाँस और घास में बहुत अंतर होता है जबकि प्रकृति दोनों को एक स
बाँस और घास में बहुत अंतर होता है जबकि प्रकृति दोनों को एक स
Dr. Man Mohan Krishna
2730.*पूर्णिका*
2730.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बेमेल कथन, फिजूल बात
बेमेल कथन, फिजूल बात
Dr MusafiR BaithA
🙅विषम-विधान🙅
🙅विषम-विधान🙅
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-438💐
💐प्रेम कौतुक-438💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जीवन ज्योति
जीवन ज्योति
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
I lose myself in your love,
I lose myself in your love,
Shweta Chanda
यूं हर हर क़दम-ओ-निशां पे है ज़िल्लतें
यूं हर हर क़दम-ओ-निशां पे है ज़िल्लतें
Aish Sirmour
*26 फरवरी 1943 का वैवाहिक निमंत्रण-पत्र: कन्या पक्ष :चंदौसी/
*26 फरवरी 1943 का वैवाहिक निमंत्रण-पत्र: कन्या पक्ष :चंदौसी/
Ravi Prakash
एक एक ख्वाहिशें आँख से
एक एक ख्वाहिशें आँख से
Namrata Sona
!!! हार नहीं मान लेना है !!!
!!! हार नहीं मान लेना है !!!
जगदीश लववंशी
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
Shashi kala vyas
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
Rj Anand Prajapati
* हासिल होती जीत *
* हासिल होती जीत *
surenderpal vaidya
Loading...