??चिरागे-मुहब्बत जलाकर देखिए??
हाथ से हाथ ज़रा मिलाकर देखिए।
इंसानियत का गुल खिलाकर देखिए।।
ज़िन्दगी किस तरह से संवरती है।
चिरागे-मुहब्बत यार जलाकर देखिए।।
परहित को दिल में पनाह दीजिए।
गिरतों को ज़मीं से उठाकर देखिए।।
अपने लिए तो सभी जी लेते हैं।
दूसरों को भी अपना बनाकर देखिए।।
सूरज जलता संसार को रोशनी दे।
सूरज-सा खुद को जलाकर देखिए।।
स्वार्थ से निकल परमार्थ सीख ले।
फलसफ़ा ज़िन्दगी में अपनाकर देखिए।।
“प्रीतम”प्रीत की दुनिया ख़ुशियाँ देती।
इस दुनिया से बंधन बनाकर देखिए।।