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20 Dec 2017 · 1 min read

“” गजल /गीतिका “”

“” “कहने को बहुत कुछ हैं यहाँ “” ”

कहने को बहुत कुछ हैं यहाँ पर कहे किस्से..??
सुनने वाला तो कोई हो जिसे बहुत कुछ कह सकू,
और वो सुने मेरे दर्द को.. . ।
यहाँ बहुत कुछ है कहने को…. ।।

यहाँ परेशानियां बहुत हैं.. ।
कुछ फायदा बर्बादी ज्यादा हैं.. ।

कौन कहता है गम नहीं हैं.. ।
आवश्यकताएं कम नहीं हैं.. ।

जगह चाहिए मुझे दिल में रहने को.. ।
बहुत कुछ हैं यहाँ कहने को.. ।

जिन्दगी का ये उसूल हैं.. ।
दुख मिलता हैं तो सुख भी मिलता है.. ।

जहाँ दर्द है चैन भी वही हैं.. ।
आँखे किसकी नम नहीं हैं.. ।

बस थोड़ा जिगरा चाहिए सहने को.. ।
बहुत कुछ हैं यहाँ कहने को.. ।

चेहरे-चेहरे पर हकीकत…
दिख जाती हैं हर हकीकत..
चाहे लाखो हो नकाब,
कोई कितना भी हो खराब,

मन की नज़र चाहिए पढने को..
यहाँ पर बहुत कुछ हैं कहने को.. ।।

मेहनत लगती हैं वक्त लगता हैं..
पैसा पसीना रक्त लगता हैं..

सपनो के आशियाने में..
इस जिन्दगी की बगिया में.. ।

लेकिन इस जमाने में..
एक फूंक चाहिए ढहने को…
यहाँ बहुत कुछ है कहने को… ।।।

2 Likes · 1 Comment · 364 Views
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