**गजब की दुनिया बनाई**
मस्तिष्क निर्माता, सुनो विधाता।
क्या-क्या सोच बनाई।
मेरी उसको उसकी मुझको।
रास कभी ना आई।
गजब की दुनिया बनाई ,गजब की दुनिया बनाई।।
चित्रकार लिखूं कलाकार लिखूं।
किस नाम से तुम्हें पुकारू।
कहीं अगर मिल जाओ मुझे तो।
पल-पल आरती उतारू।
दर्शन दो मेरे साईं, मैंने आस लगाई।
गजब की दुनिया बनाई गजब की दुनिया बनाई।।
सूरत नाना विचार मिले ना।
रहस्य मुझे समझाना।
आ जाओ गर इस धरा पर।
समरसता बरसा जाना।
विनती अनुनय करें रात दिन, मानवता मुझको भाई।
गजब की दुनिया बनाई ,गजब की दुनिया बनाई।।
राजेश व्यास अनुनय