खोल दें मुठ्ठी
लेकर आये जो कहानी झूठी,
खुली नहीं कभी देने को मुठ्ठी,
दोनो हाथ बढा कर खाए मठ्ठी
पकौड़े तले नाले पर लगा भट्ठी,
नाले की गैस के सूत्रधार कट्टी.
मजाक करे वो जसपाल भट्टी.
घर-२ में शौचालय, टाँगने पट्टी.
मंहगाई देख कर,ऊपर चढे टट्टी.
आये लेकर बाँध पालक की जुट्टी
बात लगे महेन्द्र,इनकी,सब झूठी
नोट:-
सुविधाएं उपलब्ध पहले भी थी.
पहली बार सरकार ने भुनाया है.