खोया पाया
सरिता स्टोर रूम की सफाई करवा रही थी. जो सामान काम का नहीं था उसे अलग रखवा रही थी. बहुत सा बेकार सामान बाहर निकाला जा चुका था. तभी मेड ने एक गत्ते का बक्सा निकालते हुए पूंछा “इसका क्या करना है.”
सरिता ने बक्से नें हाथ डाला तो घुंघरू का एक जोड़ा उसके हाथ आया. उन्हें देखते ही यादों का एक झोंका उसके दिल को सहला गया.
बीस साल हो गए एक बहू एक पत्नी और एक माँ की भूमिका निभाते हुए वह स्वयं को भूल गई थी. आज फिर वह क्लासिकल डांसर उन यादों में जीवित हो गई थी.