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29 Aug 2018 · 1 min read

खेल खेल में

इस खेल खेल में
धुलता है मन का मैल
जीने का तरीका है ये,
तू खेलभावना से खेल।
खेल महज मनोरंजन नहीं
एक जरिया है ,सद्भावना की।
जग में मित्रता की ,
आपसी सहयोग नाता की ।।
खेल से स्वस्थ तन मन रहे ,
भावनाओं में रहे संतुलन।
जब तक मानव जीवन रहे ,
खेलने का बना रहे प्रचलन ।
जब जब देश खेलता है ,
देश की बढ़ती एकता है ।
जो भी डटकर खेलता है ,
इतिहास में नाम करता है ।
आज जरूरत बन पड़ी है,
हमको फिर से खेल की,
बच्चों को गैजेट से पहले,
बात करें हम खेल की।
देश की आबादी बढ़ रही
पर नहीं बढ़ती हैं तमगे।
चलो मिशन बनाएं खेल में
नाम हो भारत का जग में।
✍मनीभाई”नवरत्न”

Language: Hindi
258 Views
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