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2 Sep 2018 · 1 min read

खुश है मन

खुला गगन,
खुश है मन,
मस्त पवन,
होकर मगन,
चहुँओर हरा,
देख ले जरा,
प्रकृति का रूप,
सुंदर स्वरूप,
धरा खुशहाल,
भरे सब ताल,
सुंदर है छवि,
कहते है कवि,
।।।।जेपीएल।।।

Language: Hindi
176 Views
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