Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Dec 2016 · 1 min read

खुद ही खुद से मिलता चल

खुद ही खुद से मिलता चल

माना है दूर बहुत मंजिल और कदम-कदम पर अँधियारा
माना कि आज खड़ा है बनकर दुश्मन तेरा जग सारा
विश्वास का एक जला दीपक और निर्भयता से चलता चल
मंज़िल की राहों में अपनी तू खुद ही खुद से मिलता चल

तो क्या अगर तेरे पैरों के नीचे हैं अंगार बहुत
तो क्या जो अब तक भी तेरा समय रहा बेकार बहुत
तो क्या जो विपरीत हवाओं , का है अत्याचार बहुत
फिर भी तपती राहों पर , चलना है चाहे जलता चल
मंज़िल की राहों में …..

क्या सुना नहीं कि डूबते को तिनके का बहुत सहारा है
वो जिसने खुद को जीत लिया फिर कहाँ किसी से हारा है
माना कि दुनियाँ में सबने ही , सदा तुझे धिक्कारा है
पोंछ के आँसू फिर भी अपने ज़ख्मो को तू सिलता चल
मंज़िल की राहों में अपनी…..

इक दिन तू भी , आसमान में , बनकर सूरज दमकेगा
कभी तो एक दिन तेरी भी किस्मत का तारा चमकेगा
कभी तो सावन तेरी भी , इस , मरुधरा पर बरसेगा
बस तू काँटों में भी हरदम , फूल के जैसे खिलता चल
मंजिल की राहों में अपनी…..

सुन्दर सिंह
11.12.2016

Language: Hindi
382 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
9) खबर है इनकार तेरा
9) खबर है इनकार तेरा
पूनम झा 'प्रथमा'
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
Sukoon
संवेदनाएं
संवेदनाएं
Dr.Pratibha Prakash
हक़ीक़त पर रो दिया
हक़ीक़त पर रो दिया
Dr fauzia Naseem shad
तुम न आये मगर..
तुम न आये मगर..
लक्ष्मी सिंह
बसंत
बसंत
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
परिवर्तन की राह पकड़ो ।
परिवर्तन की राह पकड़ो ।
Buddha Prakash
पानी से पानी पर लिखना
पानी से पानी पर लिखना
Ramswaroop Dinkar
छोटी छोटी खुशियों से भी जीवन में सुख का अक्षय संचार होता है।
छोटी छोटी खुशियों से भी जीवन में सुख का अक्षय संचार होता है।
Dr MusafiR BaithA
तुम आशिक़ हो,, जाओ जाकर अपना इश्क़ संभालो ..
तुम आशिक़ हो,, जाओ जाकर अपना इश्क़ संभालो ..
पूर्वार्थ
*अवध  में  प्रभु  राम  पधारें है*
*अवध में प्रभु राम पधारें है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बेटियां
बेटियां
Madhavi Srivastava
सबसे क़ीमती क्या है....
सबसे क़ीमती क्या है....
Vivek Mishra
भरोसा जिंद‌गी का क्या, न जाने मौत कब आए (हिंदी गजल/गीतिका)
भरोसा जिंद‌गी का क्या, न जाने मौत कब आए (हिंदी गजल/गीतिका)
Ravi Prakash
Girvi rakh ke khud ke ashiyano ko
Girvi rakh ke khud ke ashiyano ko
Sakshi Tripathi
सूरज दादा ड्यूटी पर (हास्य कविता)
सूरज दादा ड्यूटी पर (हास्य कविता)
डॉ. शिव लहरी
तुझे कैसे बताऊं तू कितना खाश है मेरे लिए
तुझे कैसे बताऊं तू कितना खाश है मेरे लिए
yuvraj gautam
प्रेम निवेश है-2❤️
प्रेम निवेश है-2❤️
Rohit yadav
2888.*पूर्णिका*
2888.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ईद आ गई है
ईद आ गई है
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मिर्जा पंडित
मिर्जा पंडित
Harish Chandra Pande
रमेशराज की कहमुकरियां
रमेशराज की कहमुकरियां
कवि रमेशराज
जिंदगी में हजारों लोग आवाज
जिंदगी में हजारों लोग आवाज
Shubham Pandey (S P)
" तुम्हारे इंतज़ार में हूँ "
Aarti sirsat
प्रमेय
प्रमेय
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अपना जीवन पराया जीवन
अपना जीवन पराया जीवन
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
💐अज्ञात के प्रति-152💐
💐अज्ञात के प्रति-152💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वाह भाई वाह
वाह भाई वाह
gurudeenverma198
जीतना अच्छा है,पर अपनों से हारने में ही मज़ा है।
जीतना अच्छा है,पर अपनों से हारने में ही मज़ा है।
अनिल कुमार निश्छल
साए
साए
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Loading...