Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jul 2020 · 1 min read

खुद के

खुद के पांव के नीचे की अग्नि देखो
दूजे के सिर पर जलती है जलने दो

आग भस्म कर देगी ये तो निश्चित है
जरा हवा को थोड़ा और तो चलने दो

ओ ! नादान पतंगे चक्कर लगा रहा
जल जाएगा लौ को तनिक मचलने दो

काठ की हांडी बार बार न चढ़ती है
नहीं मानता तलता है तो तलने दो

आस्तीन के सांप पकड़ में आये हैं
उसको इनके फन को खूब कुचलने दो

समय अगर विपरीत रहे तो मौन रहो
छाती पर भी मूंग दले तो दलने दो

बने रहो अति शांत भले कायर समझे
कपट चाल से छलता है तो छलने दो

मौका पाते ही ढँग से ठोकर मारो
रूप रंग भी बदले अगर बदलने दो
✍️सतीश शर्मा

3 Likes · 3 Comments · 461 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चिंता
चिंता
RAKESH RAKESH
दिल जीत लेगी
दिल जीत लेगी
Dr fauzia Naseem shad
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"मैं एक कलमकार हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा तृतीय अध्याय।।
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा तृतीय अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जो लोग बिछड़ कर भी नहीं बिछड़ते,
जो लोग बिछड़ कर भी नहीं बिछड़ते,
शोभा कुमारी
मध्यम वर्गीय परिवार ( किसान)
मध्यम वर्गीय परिवार ( किसान)
Nishant prakhar
Finding someone to love us in such a way is rare,
Finding someone to love us in such a way is rare,
पूर्वार्थ
मोक्ष
मोक्ष
Pratibha Pandey
किसी की हिफाजत में,
किसी की हिफाजत में,
Dr. Man Mohan Krishna
सिंह सा दहाड़ कर
सिंह सा दहाड़ कर
Gouri tiwari
मेरे अधरों पर जो कहानी है,
मेरे अधरों पर जो कहानी है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
विवेकवान मशीन
विवेकवान मशीन
Sandeep Pande
भरे हृदय में पीर
भरे हृदय में पीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
संवेदना ही सौन्दर्य है
संवेदना ही सौन्दर्य है
Ritu Asooja
जिंदगी जब जब हमें
जिंदगी जब जब हमें
ruby kumari
देखिए रिश्ते जब ज़ब मजबूत होते है
देखिए रिश्ते जब ज़ब मजबूत होते है
शेखर सिंह
बाज़ार से कोई भी चीज़
बाज़ार से कोई भी चीज़
*Author प्रणय प्रभात*
विभेद दें।
विभेद दें।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
शॉल (Shawl)
शॉल (Shawl)
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
* मुस्कुराते नहीं *
* मुस्कुराते नहीं *
surenderpal vaidya
अहं प्रत्येक क्षण स्वयं की पुष्टि चाहता है, नाम, रूप, स्थान
अहं प्रत्येक क्षण स्वयं की पुष्टि चाहता है, नाम, रूप, स्थान
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अन्याय के आगे मत झुकना
अन्याय के आगे मत झुकना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
थक गये है हम......ख़ुद से
थक गये है हम......ख़ुद से
shabina. Naaz
💐प्रेम कौतुक-427💐
💐प्रेम कौतुक-427💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*बुरे फँसे कवयित्री पत्नी पाकर (हास्य व्यंग्य)*
*बुरे फँसे कवयित्री पत्नी पाकर (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
हट जा भाल से रेखा
हट जा भाल से रेखा
Suryakant Dwivedi
सावन के झूलें कहे, मन है बड़ा उदास ।
सावन के झूलें कहे, मन है बड़ा उदास ।
रेखा कापसे
देश के खातिर दिया जिन्होंने, अपना बलिदान
देश के खातिर दिया जिन्होंने, अपना बलिदान
gurudeenverma198
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
Ranjeet kumar patre
Loading...