Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Feb 2017 · 1 min read

!! खुद का दर्द ..कैसे बयान करें दोनों !!

नींद तो तुझ को भी नहीं आएगी
न ही अब मुझ को आएगी
बाते तन्हाई से होंगी अब
मुलाकाते होंगी जाकर आसमान में !!

क्याल आ आ कर दरवाजे से
चला जाएगा , उस को
न तो तुम बुलाओगे, और न
ही में उस से बाते करूंगा पहले जैसे !!

किसी बात का गुमान तो तुम को
भी बहुत है खुदगर्जी का
पर स्वाभिमान मैं भी बहुत
हूँ अपने गुमान के लिए जान लो !!

दर्द तो तुम भी छूपा लोगे
बेदर्द जमाने की नजरों में
पर दर्द तो मुझ को भी बहुत है
खुद को बस सताने के लिए !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
340 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
"याद रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
पागल तो मैं ही हूँ
पागल तो मैं ही हूँ
gurudeenverma198
हम केतबो ठुमकि -ठुमकि नाचि लिय
हम केतबो ठुमकि -ठुमकि नाचि लिय
DrLakshman Jha Parimal
खिलेंगे फूल राहों में
खिलेंगे फूल राहों में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
घिरी घटा घन साँवरी, हुई दिवस में रैन।
घिरी घटा घन साँवरी, हुई दिवस में रैन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
❤️सिर्फ़ तुझे ही पाया है❤️
❤️सिर्फ़ तुझे ही पाया है❤️
Srishty Bansal
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
स्वाल तुम्हारे-जवाब हमारे
Ravi Ghayal
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
डाल-डाल तुम हो कर आओ
डाल-डाल तुम हो कर आओ
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
रंगों का नाम जीवन की राह,
रंगों का नाम जीवन की राह,
Neeraj Agarwal
गौरैया दिवस
गौरैया दिवस
Surinder blackpen
"विक्रम" उतरा चाँद पर
Satish Srijan
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
आर.एस. 'प्रीतम'
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
Phool gufran
लाचार जन की हाय
लाचार जन की हाय
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
■ पाठक लुप्त, लेखक शेष। मुग़ालते में आधी आबादी।
■ पाठक लुप्त, लेखक शेष। मुग़ालते में आधी आबादी।
*Author प्रणय प्रभात*
तप त्याग समर्पण भाव रखों
तप त्याग समर्पण भाव रखों
Er.Navaneet R Shandily
बटोही  (कुंडलिया)
बटोही (कुंडलिया)
Ravi Prakash
"बेखुदी "
Pushpraj Anant
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
* गीत प्यारा गुनगुनायें *
* गीत प्यारा गुनगुनायें *
surenderpal vaidya
बावला
बावला
Ajay Mishra
हो गया तुझसे, मुझे प्यार खुदा जाने क्यों।
हो गया तुझसे, मुझे प्यार खुदा जाने क्यों।
सत्य कुमार प्रेमी
आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
Neelam Sharma
उस जैसा मोती पूरे समन्दर में नही है
उस जैसा मोती पूरे समन्दर में नही है
शेखर सिंह
फिल्मी नशा संग नशे की फिल्म
फिल्मी नशा संग नशे की फिल्म
Sandeep Pande
अपने वजूद की
अपने वजूद की
Dr fauzia Naseem shad
इंसान स्वार्थी इसलिए है क्योंकि वह बिना स्वार्थ के किसी भी क
इंसान स्वार्थी इसलिए है क्योंकि वह बिना स्वार्थ के किसी भी क
Rj Anand Prajapati
चन्दा लिए हुए नहीं,
चन्दा लिए हुए नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
manisha
Loading...