— खुदा – खुद पर नही लेता —
जब भी कुछ अनहोनी होगी
बस खुद की गलती से होगी
कितना भी बच के चल लो
वो तो बस होनी है अनहोनी
कभी खुद पर आरोप न आने देगा
वो खुदा खुद बच जाता है
बना के कोई न कोई नया बहाना
वो पल में ओझल हो जाता है
चलना खुद को मुझे न आये
तो वो कैसे दोषी कहलाता है
खुदा की इस में कोई गलती नही
इसीलिए वो आला कहलाता है
मौत से पहले गुनाह माफ़ कर दे
ऐसा कोइ खेल नही रचाता है
उस की दुनिया का काम है आना जाना
झट से जैसे परदे पर माजर बदल जाता है !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ