Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jul 2021 · 2 min read

खिड़की मेरे कमरे की

खिड़की मेरे कमरे की

खिड़की जो है मेरे कमरे की
वो मुझें सबसे ज्यादा सुकून देती हैं
मुझे राहत के पल देती हैं
थकहार जब जाती हूं उसके पास
तो मेरे मन की बदहाली को दूर करती ह6
मेरा ह्रदय परिवर्तित कर बहलाती हैं मुझे
वो मुझे सुकून देती हैं
खिड़की जो हैं मेरे कमरे की

बाहर जो लगा है एक लम्बा से पेड
उसको देख में बात करती हूं प्रकर्ति की
उसकी हरि भारी डालियां सुंदर कोमल पत्तो केसाथ
वो लहराती हैं मंदमंद पवन के झोंखो के साथ
वो मुझे सुकून देती हैं
खिड़की जो हैं मेरे कमरे की

प्रकृति के हर रूप को निहारती हूँ उस खिड़की से
च हकती हुई चिड़ियों का वो मधुर कलरव
कॉनो को सुकून भर डेता हैं
अपने नीड़ पट लौट आना शाम ढलते ही
वो मुझे सुकून देती हैं
खिड़की जो हैं मेरे कमरे की

बाहर लगे रंगीन फूलों की वो मधुर मुस्कान
दूर कर देती हैं मेरे दिनभर की थकान
लौट आती हैं उन्हें देख नई दी ऊर्जा मुझमे
खुश कर देती हैं मेरे मन की सारी टूटन को
वो मुझे सुकून देती हैं
खिड़की जो हैं मेरे कमरे की

बचपन को याद दिलाती हैं खिड़की मेरे कमरे की
जब मैं माँ से गुस्सा हो रूठ कर घंटो बैठती थी वहाँ
वो खिलखिलाता बचपन न जाने कहाँ खो सा गया
याद दिलाती हैं मेरे जीवन की हर क्रिया प्रतिक्रिया को
वो मुझे सुकून देती हैं
खिड़की जो हैं मेरे कमरे की

मेरे मन को सुकून दे देती हैं मेरे कमरे की वो खिड़की
कभी कोई नानुकर भी नही की उसने
जिस सोच के साथ मैं आई उनके पास बस उसने तो
राहत ही राहत लौटाई मेरी झोली मे
वो मुझे सुकून देती हैं
खिड़की जो हैं मेरे कमरे की

डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

Language: Hindi
1536 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all
You may also like:
तन्हां जो छोड़ जाओगे तो...
तन्हां जो छोड़ जाओगे तो...
Srishty Bansal
गांव की ख्वाइश है शहर हो जानें की और जो गांव हो चुके हैं शहर
गांव की ख्वाइश है शहर हो जानें की और जो गांव हो चुके हैं शहर
Soniya Goswami
नया दिन
नया दिन
Vandna Thakur
श्री शूलपाणि
श्री शूलपाणि
Vivek saswat Shukla
2373.पूर्णिका
2373.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
करें आराधना मां की, आ गए नौ दिन शक्ति के।
करें आराधना मां की, आ गए नौ दिन शक्ति के।
umesh mehra
याद आते हैं वो
याद आते हैं वो
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
*मन का मीत छले*
*मन का मीत छले*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आप वही करें जिससे आपको प्रसन्नता मिलती है।
आप वही करें जिससे आपको प्रसन्नता मिलती है।
लक्ष्मी सिंह
या रब
या रब
Shekhar Chandra Mitra
गुरुवर तोरे‌ चरणों में,
गुरुवर तोरे‌ चरणों में,
Kanchan Khanna
सच्चे रिश्ते वही होते है जहा  साथ खड़े रहने का
सच्चे रिश्ते वही होते है जहा साथ खड़े रहने का
पूर्वार्थ
हिंदी की दुर्दशा
हिंदी की दुर्दशा
Madhavi Srivastava
पूरा ना कर पाओ कोई ऐसा दावा मत करना,
पूरा ना कर पाओ कोई ऐसा दावा मत करना,
Shweta Soni
शिष्टाचार के दीवारों को जब लांघने की चेष्टा करते हैं ..तो दू
शिष्टाचार के दीवारों को जब लांघने की चेष्टा करते हैं ..तो दू
DrLakshman Jha Parimal
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
Sangeeta Beniwal
★SFL 24×7★
★SFL 24×7★
*Author प्रणय प्रभात*
"जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
गुज़रते वक्त ने
गुज़रते वक्त ने
Dr fauzia Naseem shad
खिचड़ी
खिचड़ी
Satish Srijan
🙏माॅं सिद्धिदात्री🙏
🙏माॅं सिद्धिदात्री🙏
पंकज कुमार कर्ण
जन्म दिवस
जन्म दिवस
Aruna Dogra Sharma
"Hope is the spark that ignites the fire of possibility, and
Manisha Manjari
जय जगदम्बे जय माँ काली
जय जगदम्बे जय माँ काली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दोस्ती
दोस्ती
Rajni kapoor
नया  साल  नई  उमंग
नया साल नई उमंग
राजेंद्र तिवारी
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
राष्ट्र निर्माता गुरु
राष्ट्र निर्माता गुरु
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*घर में बैठे रह गए , नेता गड़बड़ दास* (हास्य कुंडलिया
*घर में बैठे रह गए , नेता गड़बड़ दास* (हास्य कुंडलिया
Ravi Prakash
Loading...