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18 Apr 2020 · 1 min read

खिलें एक ही बाग में

खिलें एक ही बाग में , बेशक फूल तमाम ।
होता है हर फूल का ,लेकिन अलग मुकाम ।।

दिल मे जिस के पाप की, रही सुलगती आग ।
आए कोयल भी नजर, ….उसे हमेशा काग ।।
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
3 Likes · 413 Views
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