Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2019 · 1 min read

ख़िराज-ए-अक़ीदत

बिन कह के कुछ भी,सब,कोई बयान कर गया,
चुपके से कोई, मुल्के-जाँ-निसार कर गया।

मौक़ा भी मिल सका कहाँ ,तौफ़ीक़-ए-नुमायाँ,
अपनों के सँग ग़ैरों को,अश्क़-बार कर गया।

मुस्तैद थे अवाम-ए-हिफ़ाज़त, को जो फ़क़त,
दहशत-ए-सितमगर था,फिर शिकार कर गया।

वर्दी पे जिनके दाग़ तक,लगा न ज़ीस्त भर,
आतिश-ए-धमाका,सुपुर्द-ए-ख़ाक कर गया।

माटी का चुका क़र्ज़, चला हर जवान था,
हर ख़ास-ओ-आम को वो,क़र्ज़दार कर गया।

कुछ कर के गुज़रने का,था जो हौसला जवाँ,
गुज़रा यूँ, शहादत मेँ अपना नाम कर गया।

लाएगी रँग ज़रूर शहादत, भी किसी दिन,
ख़ूँ दे के अहले-दिल को,ख़ूँ-ए-बार कर गया।

“आशा” है अब तो मुल्क-ए-हुक्मराँ से,बस यही,
बर्बाद हो वो, उनको जो बर्बाद कर गया..!

मुल्के-जाँ-निसार # देश पर प्राण निछावर करना,to render highest sacrifice for the country
तौफ़ीक़-ए-नुमायाँ # साहस और हुनर दिखाना, to exhibit courage (and techniques)
अश्क़-बार #अश्रुपूरित (नयनों के साथ), with tears (in eyes)
अवाम-ए-हिफ़ाज़त # जन सामान्य की सुरक्षा में, in security of of the public.
ज़ीस्त # जीवन, life
अहले-दिल # जन मानस के हृदय को,the hearts of the common man
ख़ूँ-ए-बार # (मानो)लहूलुहान, blood bathed(as if)

13 Likes · 8 Comments · 628 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all
You may also like:
*देश का दर्द (मणिपुर से आहत)*
*देश का दर्द (मणिपुर से आहत)*
Dushyant Kumar
कबूतर
कबूतर
Vedha Singh
"तेरे वादे पर"
Dr. Kishan tandon kranti
महायज्ञ।
महायज्ञ।
Acharya Rama Nand Mandal
बेचारा जमीर ( रूह की मौत )
बेचारा जमीर ( रूह की मौत )
ओनिका सेतिया 'अनु '
मर्त्य ( कुंडलिया )
मर्त्य ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
कुछ तो तुझ से मेरा राब्ता रहा होगा।
कुछ तो तुझ से मेरा राब्ता रहा होगा।
Ahtesham Ahmad
कब मिलोगी मां.....
कब मिलोगी मां.....
Madhavi Srivastava
आँखों से नींदे
आँखों से नींदे
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मानव जीवन में जरूरी नहीं
मानव जीवन में जरूरी नहीं
Dr.Rashmi Mishra
जो गुज़र गया
जो गुज़र गया
Dr fauzia Naseem shad
Success is not final
Success is not final
Swati
शृंगारिक अभिलेखन
शृंगारिक अभिलेखन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हँस लो! आज  दर-ब-दर हैं
हँस लो! आज दर-ब-दर हैं
दुष्यन्त 'बाबा'
2702.*पूर्णिका*
2702.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रेम की अनुपम धारा में कोई कृष्ण बना कोई राधा
प्रेम की अनुपम धारा में कोई कृष्ण बना कोई राधा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
प्राणदायिनी वृक्ष
प्राणदायिनी वृक्ष
AMRESH KUMAR VERMA
बसंत
बसंत
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मनुष्य जीवन - एक अनसुलझा यक्ष प्रश्न
मनुष्य जीवन - एक अनसुलझा यक्ष प्रश्न
Shyam Sundar Subramanian
धानी चूनर में लिपटी है धरती जुलाई में
धानी चूनर में लिपटी है धरती जुलाई में
Anil Mishra Prahari
😊लघु-कथा :--
😊लघु-कथा :--
*Author प्रणय प्रभात*
मां गंगा ऐसा वर दे
मां गंगा ऐसा वर दे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
नजरिया-ए-नील पदम्
नजरिया-ए-नील पदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
बेमेल कथन, फिजूल बात
बेमेल कथन, फिजूल बात
Dr MusafiR BaithA
अंबेडकर की रक्तहीन क्रांति
अंबेडकर की रक्तहीन क्रांति
Shekhar Chandra Mitra
Lines of day
Lines of day
Sampada
पर्यावरण
पर्यावरण
Dr Parveen Thakur
Parents-just an alarm
Parents-just an alarm
Sukoon
शब्द अभिव्यंजना
शब्द अभिव्यंजना
Neelam Sharma
Loading...