Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2017 · 1 min read

ख़यालों में उनके उलझने लगे हैं

नज़र ये मिली है उनसे ही जबसे
हसरतें तो दिल के सँवरने लगे हैं।
दिल में मेरे तो अब उमंगें जगी हैं
साज तो दिल के भी बज़ने लगे है।
कैसे अब पहुँचे उन तक संदेशा
जज़्बात दिल के पिघलने लगे हैं।
बात कोई भी ज़ेहन में न आती
ख़यालों में उनके उलझने लगे हैं।
काम अब मेरा कोई भी नहीं है
रातों में तारे अब गिनने लगे हैं।
यात्रा कोई भी अब पूरी न होती
पग पग पर हम ठिठकने लगे हैं।
उनकी नज़र से तो ऐसे हैं उलझे
सँवरते सँवरते ही बिखरने लगे हैं।
नजर का हुआ तो ऐसा असर है
चाहत की हद से गुज़रने लगे है।
उनसे तो कोई मिला दे मुझको
साँसे अब मेरे तो थमने लगे हैं

219 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"लिखना कुछ जोखिम का काम भी है और सिर्फ ईमानदारी अपने आप में
Dr MusafiR BaithA
......... ढेरा.......
......... ढेरा.......
Naushaba Suriya
पहचान तो सबसे है हमारी,
पहचान तो सबसे है हमारी,
पूर्वार्थ
फुटपाथ
फुटपाथ
Prakash Chandra
कभी नहीं है हारा मन (गीतिका)
कभी नहीं है हारा मन (गीतिका)
surenderpal vaidya
*गाजर-हलवा श्रेष्ठतम, मीठे का अभिप्राय (कुंडलिया)*
*गाजर-हलवा श्रेष्ठतम, मीठे का अभिप्राय (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नारी सम्मान
नारी सम्मान
Sanjay ' शून्य'
तुम्हारी बेवफाई देखकर अच्छा लगा
तुम्हारी बेवफाई देखकर अच्छा लगा
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
BUTTERFLIES
BUTTERFLIES
Dhriti Mishra
सबको सिर्फ़ चमकना है अंधेरा किसी को नहीं चाहिए।
सबको सिर्फ़ चमकना है अंधेरा किसी को नहीं चाहिए।
Harsh Nagar
"Don't be fooled by fancy appearances, for true substance li
Manisha Manjari
यादें....!!!!!
यादें....!!!!!
Jyoti Khari
2771. *पूर्णिका*
2771. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
,,
,,
Sonit Parjapati
"फोटोग्राफी"
Dr. Kishan tandon kranti
राम पर हाइकु
राम पर हाइकु
Sandeep Pande
मैं मांझी सा जिद्दी हूं
मैं मांझी सा जिद्दी हूं
AMRESH KUMAR VERMA
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
Mohan Pandey
माई कहाँ बा
माई कहाँ बा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शब्द
शब्द
Sangeeta Beniwal
You lived through it, you learned from it, now it's time to
You lived through it, you learned from it, now it's time to
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
स्वर्ण दलों से पुष्प की,
स्वर्ण दलों से पुष्प की,
sushil sarna
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
अभी और कभी
अभी और कभी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"दोस्त-दोस्ती और पल"
Lohit Tamta
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
शेखर सिंह
आ गए हम तो बिना बुलाये तुम्हारे घर
आ गए हम तो बिना बुलाये तुम्हारे घर
gurudeenverma198
केना  बुझब  मित्र आहाँ केँ कहियो नहिं गप्प केलहूँ !
केना बुझब मित्र आहाँ केँ कहियो नहिं गप्प केलहूँ !
DrLakshman Jha Parimal
Loading...