Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2021 · 1 min read

ख़त लिखते रहना

ख़त लिखते रहना
~~~~~~~~~~~~~~~~~
मत रुकना ख़त लिखते रहना।
स्नेह भरी नदिया बन बहना।

कलियों की कोमलता लेकर,
तितली जैसी चंचलता भर।
मदमाते महके शब्दों में,
जो मन में आए कह देना।
मत रुकना ख़त लिखते रहना।

पंखुड़ियों जैसे अधरो पर,
भँवरों सा सुरमय गान लिए।
हो कोई अनुभूति मधुर सी,
शब्दों में उसको बुन लेना।
मत रुकना ख़त लिखते रहना।

बीत चुके जीवन की अनुपम,
यादें शेष बहुत हैं मधुरिम।
एक हवा के झोंके जेसी,
फिर उनको ताजा कर लेना।
मत रुकना ख़त लिखते रहना।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य।
मण्डी (हिमाचल प्रदेश)

8 Likes · 40 Comments · 475 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from surenderpal vaidya
View all
You may also like:
गीत गा लअ प्यार के
गीत गा लअ प्यार के
Shekhar Chandra Mitra
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
Aarti sirsat
कोई नही है वास्ता
कोई नही है वास्ता
Surinder blackpen
"रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
चिंतित अथवा निराश होने से संसार में कोई भी आपत्ति आज तक दूर
चिंतित अथवा निराश होने से संसार में कोई भी आपत्ति आज तक दूर
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
अगर शमशीर हमने म्यान में रक्खी नहीं होती
अगर शमशीर हमने म्यान में रक्खी नहीं होती
Anis Shah
कैलेंडर नया पुराना
कैलेंडर नया पुराना
Dr MusafiR BaithA
पापा जी
पापा जी
नाथ सोनांचली
नहीं बदलते
नहीं बदलते
Sanjay ' शून्य'
विचारमंच भाग -5
विचारमंच भाग -5
डॉ० रोहित कौशिक
23/157.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/157.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Finding alternative  is not as difficult as becoming alterna
Finding alternative is not as difficult as becoming alterna
Sakshi Tripathi
हर शक्स की नजरो से गिर गए जो इस कदर
हर शक्स की नजरो से गिर गए जो इस कदर
कृष्णकांत गुर्जर
“गुरुर मत करो”
“गुरुर मत करो”
Virendra kumar
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
“ जियो और जीने दो ”
“ जियो और जीने दो ”
DrLakshman Jha Parimal
मन मूरख बहुत सतावै
मन मूरख बहुत सतावै
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मज़बूत होने में
मज़बूत होने में
Ranjeet kumar patre
*
*"रक्षाबन्धन"* *"काँच की चूड़ियाँ"*
Radhakishan R. Mundhra
❤बिना मतलब के जो बात करते है
❤बिना मतलब के जो बात करते है
Satyaveer vaishnav
राखी सबसे पर्व सुहाना
राखी सबसे पर्व सुहाना
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
💐प्रेम कौतुक-276💐
💐प्रेम कौतुक-276💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"सफलता कुछ करने या कुछ पाने में नहीं बल्कि अपनी सम्भावनाओं क
पूर्वार्थ
गज़ल सी रचना
गज़ल सी रचना
Kanchan Khanna
आवो पधारो घर मेरे गणपति
आवो पधारो घर मेरे गणपति
gurudeenverma198
■सामयिक दोहा■
■सामयिक दोहा■
*Author प्रणय प्रभात*
कौन नहीं है...?
कौन नहीं है...?
Srishty Bansal
धर्म ज्योतिष वास्तु अंतराष्ट्रीय सम्मेलन
धर्म ज्योतिष वास्तु अंतराष्ट्रीय सम्मेलन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सनातन
सनातन
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
चुलियाला छंद ( चूड़मणि छंद ) और विधाएँ
चुलियाला छंद ( चूड़मणि छंद ) और विधाएँ
Subhash Singhai
Loading...