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24 Apr 2020 · 2 min read

खलनायक कौन : गोदी मीडिया, विपक्ष या तबलीगी?

बुधवार और गुरुवार दो दिन घर पर ही था. गुरुवार वैसे भी मेरा वीकली अवकाश का दिन था. इन दोनों दिनों मैंने न तो कोई किताब पढ़ी, न ही ट्यूब चैनल पर कोई वीडियो सुना-देखा और न ही फेसबुक या वाट्सएप्प को खोला. दैनिक नित्यकर्म, स्नान के पश्चात पूरा समय टीवी को समर्पित किया, खासकर आजतक, न्यूज 18, जीन्यूज, इंडिया न्यूज और न्यूज नेशन को. इन चैनलों में कोरोना को लेकर कुछ उपयोगी सूचनाएं तो मिलीं लेकिन 80 प्रतिशत समय इनको मैंने एक वर्ग विशेष के प्रति नफरत फैलाते हुए सत्तापक्ष का राजनीतिक एजेंडा सैट करते अधिक पाया. प्रधानमंत्री और सरकार को परम कोरोना योद्धा साबित करनेवाले शीर्षक लगाकर जो बहस करवाई गर्इं, उनमें साफ-साफ देखा जा सकता था कि कार्यक्रम विशेष का टीवी एंकर सत्तापक्ष के गुणगान से ही कार्यक्रम शुरू करता और अंत भी यशोगान से ही करता. विपक्ष के प्रवक्ताओं की बातों पर एंकरों की जो टोकाटाकी होती, वह भी सत्तापक्ष के बचाव के लिए ही होती थी. सरकार के पक्ष में बोलनेवाले प्रवक्ताओं को तो पूरा सुना जाता, उनकी वाहवाही की जाती लेकिन जब विपक्ष में कोई बोलता तो उसे पूरा नहीं बोलने दिया जाता, अगर वह बोलता भी तो एंकर महोदय और अन्य प्रवक्ता महोदय इस कदर उन्हें झिड़कते जैसे वह सरकार की आलोचना कर कोई भयानक देशविरोधी कृत्य कर रहा हो. ऐसा साबित किया जाता कि ऐसी महामारी के समय में सत्तापक्ष का विरोध कर कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ी जा रही जंग कमजोर की जा रही है. इस तरह उन्हें खलनायक साबित कर दिया जाता. इन बहसों के अलावा जब कोरोना महामारी के फैलाव के बारे में चर्चा की जाती तो ऐसा बताया जा रहा था कि शायद इस देश में मुसलमान न होते तो देश में कोरोना आता ही नहीं. देश में कोरोना महामारी फैलाने के लिए पूरी तरह मुसलमान और खासकर तबलीगी जमात के लोग जिम्मेदार हैं. मौलाना शाद की फोटो इस तरह टीवी स्क्रीन में झलकाई जा रही थी जैसे निजामुद्दीन में दो दिवसीय धार्मिक आयोजन कर उन्होंने कोई जघन्य दुष्कृत्य किया हो. उसे किसी दैत्य या हैवान की तरह पेश किया जा रहा था. कुल मिलाकर साफ-साफ नफरत का एजेंडा पेश किया जा रहा था. मैं जबकि उस वर्ग से नहीं हूं जिसे खलनायक की तरह पेश किया जा रहा था लेकिन चूंकि मैं स्वतंत्र और तार्किक तौर पर सोचनेवाला हूं तो मुझे यह देख-सुनकर बहुत बुरा लग रहा था. कल्पना की जा सकती है कि उस वर्गविशेष को किस तरह लग रहा होगा जिसके खिलाफ मीडिया सत्तापक्ष के राजनीतिक हित में नफरत का माहौल पैदा कर रहा है. अब आप ही बताइए कि इस संवेदनशील समय में जब हमारा देश कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है, इस अभियान में बाधक कौन बन रहा है विपक्ष, सत्तापक्ष या गोदी मीडिया?

Language: Hindi
Tag: लेख
6 Likes · 2 Comments · 459 Views
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