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27 Mar 2018 · 1 min read

खर्च का हिसाब

खर्च का हिसाब न रहा ।
तेरा इतना इख़्तियार रहा ।
सम्हालता रहा लम्हा लम्हा ,
बे-इन्तेहाँ जो इंतज़ार रहा ।
… विवेक दुबे”निश्चल”@…

Language: Hindi
199 Views
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