खता जो हो जाए मुझसे
१.
खता जो हो जाए मुझसे , मुझे माफ़ करना ‘
खुद पर नाज कर सकूं , अपनी खिदमत में लेना
किस्मत को कोसने का , ख्याल भी न आये ज़ेहन में
हो सके तो अपनी पनाह में लेना
२.
खामोश रहकर भी कुछ कहने की , कोशिश कर रहा हूँ मैं
तेरे रहमो – करम के किस्से, बयाँ करने की कोशिश कर रहा हूँ मैं
मुझे मालूम है गोया, कि तू हर एक के दिल में बसता है
तभी तो तेरे बन्दों की , खिदमत करने की कोशिश कर रहा हूँ मैं